गन्ना आयुक्त द्वारा उत्तर प्रदेश में घटतौली पर प्रभावी अंकुश लगाने हेतु विस्तृत दिशा-निर्देश जारी

लखनऊः 23 दिसम्बर, 2021 प्रदेश में पेराई सत्र में चीनी मिल गेट एवं वाह्य क्रयकेन्द्रों पर सुचारू रूप से गन्ना आपूर्ति सुनिश्चित कराने के साथ ही साथ घटतौली पर प्रभावी अंकुश लगाये जाने एवं गन्ना कृषकों के व्यापक हितों के दृष्टिगत पेराई-सत्र 2021-22 में आयुक्त, गन्ना एवं चीनी द्वारा विस्तृत निर्देश जारी किये गये।

प्रदेश में विभिन्न स्रोतों से शिकायतें प्राप्त हो रही हैं कि गन्ना घटतौली के कपटपूर्ण तरीके अपनाकर कृषक हित प्रभावित किया जा है। जिसमें मूल तौलन यन्त्र विनिर्माता, सॉफ्टवेयर प्रदाता एवं AMC प्रदाता की दुरभिसंधि रहती है, जबकि विधिक माप विज्ञान अधिनियम-2009 एवं संगत नियमावली-2011 के अन्तर्गत यह उल्लिखित है कि सॉफ्टवेयर एवं हार्डवेयर प्रदाता का यह दायित्व है कि वह टेम्परप्रुफ एवं अभेद्य तौलन यन्त्र एवं सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराये वहीं AMC प्रदाता का दायित्व है कि वह तौल में प्रयुक्त होने वाले उपकरण व सॉफ्टवेयर को त्रुटिरहित रखे।

उपर्युक्त प्रावधानों को दृष्टिगत रखते हुए आयुक्त, गन्ना एवं चीनी उ.प्र. द्वारा घटतौली पर प्रभावी अंकुश लगाये जाने हेतु पेराई-सत्र 2021-22 के लिए वृहत दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं, जिसके अन्तर्गत चीनी मिलों में गन्ना तौल हेतु प्रयुक्त होने वाले इलेक्ट्रानिक तौलन पट्ट (वेब्रिज) की कार्य की शुद्धता में किसी भी प्रकार की छेड़-छाड़ (Tampering) एवं अंशशोधन/मापांकन (Calibration) पाये जाने की दशा में मूल तौलन यंत्र विनिर्माता, सॉफ्टवेयर प्रदाता व AMC प्रदाता के दायित्वों को भी निर्धारित करते हुए उनके विरूद्ध विधिक माप विज्ञान के अधिनियम-2009 एवं संगत नियमवली-2011 के अन्तर्गत कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। इस सम्बन्ध में प्रदेश में संचालित समस्त चीनी मिलों तथा उनके हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर एवं AMC प्रदाता को भी सूचित किया गया है।

प्रदेश में पेराई-सत्र के दौरान गन्ना क्रयकेन्द्रों पर पारदर्शी खरीद एवं घटतौली पर प्रभावी अंकुश लगाये जाने हेतु उ.प्र गन्ना (पूर्ति एवं खरीद) नियमावली-1954 के प्राविधानों के तहत पदेन निरीक्षकों के साथ-साथ आयुक्त, गन्ना एवं चीनी उ.प्र द्वारा भी निरीक्षक अधिकृत किये जाते हैं। इन निरीक्षणकर्ताओं द्वारा प्रदेश में चीनी मिलों एवं उनके द्वारा संचालित लगभग सभी क्रयकेन्द्रों के निरीक्षण किये जाते हैं।

आयुक्त, गन्ना एवं चीनी, उ.प्र द्वारा यह भी बताया गया कि निरीक्षणकर्ता अधिकारियों द्वारा किये गये निरीक्षण में प्राप्त अनियमितताओं पर उत्तर प्रदेश गन्ना (पूर्ति एवं खरीद) अधिनियम-1953 एवं उत्तर प्रदेश गन्ना पूर्ति एवं खरीद नियमावली-1954 में निहित प्राविधानों के अन्तर्गत दोषी चीनी मिलों एवं तौल लिपिकों के विरूद्ध सुसंगत धारा एवं संगत नियमों के अन्तर्गत सम्बन्धित जिला मजिस्ट्रेट के स्तर से नोटिस जारी कराते हुए जमानत जब्ती अथवा सक्षम न्यायालय में अभियोजन की कार्यवाही सम्पन्न करायी जाती है। इसके अतिरिक्त घटतौली में दोषी पाये गये तौल लिपिकों के लाइसेंस निलंबन एवं उनके निरस्तीकरण की कार्यवाही की जाती है।

प्रदेश में अब तक हुई कार्यवाहियों की विस्तृत जानकारी देते हुए गन्ना आयुक्त, ने यह भी बताया कि दिनांक 22.12.2021 तक प्रदेश में संचालित विभिन्न चीनी मिलों के गेट एवं वाह्य गन्ना क्रय केन्द्रों के निरीक्षणों में 17 गम्भीर एवं 196 साधारण कुल 213 अनियमिततायें पायीं गयी हैं, इनमें से 128 अनियमितताओं में अध्यासी व तौल लिपिकों को नोटिस जारी कराये गये तथा 14 तौल लिपिकों के लाइसेंस निलम्बित किये गये। इसके अतिरिक्त घटतौली एवं अवैध गन्ना खरीद फरोख्त के प्रकरणों में 04 एफ.आई.आर. दर्ज करायी गयी हैं। गन्ना आयुक्त द्वारा घटतौली सहित सभी अनियमितताओं पर नियमानुसार कठोर कार्यवाही किये जाने हेतु सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।

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