चीनी से एथेनॉल उत्पादन को लेकर मिलों की मिली-जुली प्रत‍िक्र‍िया

देश में चीनी अधिशेष से निपटने के लिए सरकार ने मिलों को चीनी एथेनॉल में परिवर्तित करने की अनुमति दी है। हालही में केंद्र सरकार ने बी- हैवी मोलासेस वाले एथेनॉल की कीमतें 52.43 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 54.27 रुपये प्रति लीटर कर दी हैं और वही दूसरी ओर सी-हैवी मोलासेस वाले एथेनॉल की कीमत 43.46 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 43.75 रुपये लीटर कर दी हैं। गन्ने के रस, चीनी, चीनी सीरप से सीधे बनने वाले एथेनॉल का भाव 59.48 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है।

कुछ मिलर्स का मानना है की, गन्ने के रस से सीधे एथेनॉल बनाने के लिए सरकार द्वारा भाव आर्कर्षित नहीं है। उत्तर प्रदेश के एक चीनी मिल के निदेशक ने कहा कि चीनी जिसको बनाने के लिए पहले ही लागत लग चुकी है और अब उसको एथेनॉल में परिवर्तित करने के लिए अतिरिक्त खर्च आएंगे, इसलिए अगर चीनी पुराना या क्षतिग्रस्त स्टॉक है तो ठीक है नहीं तो यह व्यवहार्य उचित नहीं होगा।

इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन के महानिदेशक अविनाश वर्मा ने एक वेबसाइट से बात करते हुए कहा की , “चीनी को एथेनॉल में परिवर्तित करना इस बात पर निर्भर करेगा कि मिलें कितनी परेशान हैं और उनकी आर्थिक स्थिति कैसी है। यह पूरी तरह से अर्थशास्त्र का खेल है।”

चीनी मिलों के अनुसार, महाराष्ट्र के कुछ चीनी मिलों में चीनी स्टॉक है जो हाल ही में आई बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हो गया था। चीनी को एथेनॉल में बदलने की नीति को यहा बेहतर उपयोग किया जा सकता है।

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