प्रशासन की शर्तों के वजह से व्यापारियों ने नहीं लिया चीनी की नीलामी में भाग

झबरेड़ा: गन्ना बकाया भुगतान से परेशान इकबालपुर चीनी मिल के किसानों को जल्द राहत मिलने की संभावना काफ़ी कम लग रही है। क्योंकि मिल के छह गोदाम में बंद साढ़े चार लाख चीनी के बोरों की नीलामी नहीं हो सकी। जिससे गन्ना बकाया मिलने में और भी मुश्किलें आ सकती है। इकबालपुर चीनी मिल पर किसानों का 258 करोड़ रुपये बकाया है। चीनी मिल गन्ना बकाया चुकाने में विफ़ल रही है, जिससे किसानों में काफी नाराजगी है।। बकाया को लेकर किसानों ने कई बार आंदोलन किया, फिर भी उन्हें भुगतान करने में चीनी मिल प्रशासन विफ़ल रहा है। गन्ना का भुगतान न करने पर प्रशासन ने गोदाम सील कर दिया था। आख़िरकार किसानों का भुगतान करने के लिए मिल की चीनी बेचने का फैसला लिया गया है, लेकिन उसमे भी नाकामयाबी हासिल हुई है।

मंगलवार को इकबालपुर चीनी मिल में चीनी की नीलामी की प्रक्रिया शुरू की गई। नीलामी प्रक्रिया में हिस्सा लेने के लिए व्यापारी लखनऊ, अमृतसर, दिल्ली और आदि शहरों से पहुंचे थे। इसी बीच प्रशासन ने शर्त रख दी कि नीलामी होने के 24 घंटे के अंदर 25 फीसद धनराशि जमा करनी होगी। बाकी धनराशि 15 दिन के भीतर जमा करनी होगी, जबकि चीनी का उठान एक महीने बाद होगा। इस पर व्यापारियों ने बोली लगाने से मना कर दिया और आरोप लगाया कि प्रशासन ने इसकी जानकारी पहले नहीं दी थी। जिसके बाद व्यापारी वहा से चले गए। व्यापारियों के जाते ही गन्ना किसान भड़क उठे और वहा मौजूद अधिकारियों को बंधक बना लिया। प्रशाशन ने गन्ना किसानों को आश्वासन दिया कि एक हफ्ते बाद दोबारा नीलामी की प्रकिया शुरू की जाएगी। जिसके बाद उन्होंने अधिकारियों को छोड़ा।

किसान नेता पदम सिंह भाटी ने चेतवनी दी है की अगर एक हफ्ते के अंदर सरल शर्तों पर नीलामी नहीं की गई तो बड़ा आंदोलन होगा।

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