लखनऊ: पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एक किसान राज कुमार का कहना है की, गन्ने की बढ़ती कीमतों और बढ़ती इनपुट लागत ने खेती को अस्थिर बना दिया है।दिनोंदिन किसानों का जीना मुश्किल होता जा रहा है। सथरी गाँव के एक रावा राजपूत कुमार कहते हैं कि गन्ने के दाम कई सीजन तक नहीं बढ़े हैं, जबकि यूरिया और उर्वरक डीएपी महंगा हो गया है। कुमार बताते हैं की, पहले के जमाने में कहा जाता थ की, उत्तम खेति, बीच व्यापर, नीच नौकरी। लेकिन अब सब उलट गया है। कुमार कहते हैं कि, वे नए कृषि कानूनों के बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं, लेकिन प्रदर्शनकारी किसानों का समर्थन कर रहे हैं क्योंकि किसानों की समस्याओं का हल नहीं निकल रहा है।
किसान कानूनों को निरस्त करने और फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं। पंजाब और हरियाणा में शुरू हुआ विरोध पूरे देश में फैल रहा है। उत्तर प्रदेश में, महापंचायतों को कानूनों के खिलाफ जागरूकता फैलाने और दिल्ली की सीमाओं पर विरोध के लिए रैली समर्थन के लिए आयोजित किया जा रहा है। गन्ने के लिए भुगतान में देरी और बढ़ती डीजल कीमतों के अलावा आवारा पशुओं की समस्या ने किसानों के जीवन को दयनीय बना दिया था।