द्वारिकेश शुगर चीनी की तुलना में एथेनॉल उत्पादन को देगी प्राथमिकता

नई दिल्ली: द्वारिकेश शुगर के प्रबंध निदेशक विजय बंका ने सीएनबीसी-टीवी18 को बताया कि, कंपनी अब चीनी के मुकाबले एथेनॉल उत्पादन को प्राथमिकता देने की तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा, आगे बढ़ते हुए, हम चीनी उत्पादन को त्यागने के प्रयास जारी रखेंगे और हम अधिक से अधिक एथेनॉल का उत्पादन करने का प्रयास करेंगे। पूरे सीजन के आधार पर, हमने एथेनॉल के पक्ष में लगभग 1.39 लाख टन चीनी उत्पादन का त्याग किया है और हमारा मानना है कि यही प्रवृत्ति आगे चलकर टिकाऊ होनी चाहिए।

उन्होंने एथेनॉल उत्पादन में कंपनी के पूर्ण एकीकरण पर भी प्रकाश डाला और कहा, एथेनॉल उत्पादन और बेचने की हमारी वार्षिक क्षमता लगभग 11 करोड़ लीटर है; अब हम पूरी तरह से एकीकृत हैं, हमें बाहरी मोलासेस पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है। इस तिमाही में कंपनी की कुल आय रु. 571.54 करोड़ रही, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि से 2.2 प्रतिशत अधिक है।

बंका ने कहा कि, पूरे साल के आधार पर, एथेनॉल उत्पादन के विभिन्न स्रोतों को ध्यान में रखते हुए, कंपनी के लिए 20 प्रतिशत का मार्जिन सस्टेनेबल है। इसमें सीधे गन्ने के रस से बने एथेनॉल के साथ-साथ बी हेवी मोलासेस से बने एथेनॉल का मिश्रण होगा। जबकि गन्ने के रस से बने एथेनॉल के मामले में मार्जिन कम है, लेकिन बी हेवी मोलासेस से बने एथेनॉल के मामले में यह काफी बेहतर है।

एथेनॉल की कीमतों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि, उद्योग को उम्मीद है कि एथेनॉल की कीमतें जल्द ही बेहतर होंगी। एथेनॉल की कीमत हमें आने वाले समय में बेहतर होने की उम्मीद है, जबकि हमने पिछले कुछ समय में चीनी की कीमतें काफी कम देखी है।

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