केन्द्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण, वाणिज्य एवं उद्योग तथा वस्त्र मंत्री श्री पीयूष गोयल ने खाद्यान्नों की खरीद और वितरण के लिए राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की सरकारों के प्रयासों की सराहना की और कहा कि सभी राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों को सहकारी संघवाद की भावना से सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने नई दिल्ली में खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग (डीएफपीडी) द्वारा आयोजित ‘राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के खाद्य मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन’ की अध्यक्षता करते हुए आज यह बात कही। उपभोक्ता मामले मंत्री ने सभी राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों से बकाया राशि पर अपने लंबित दावे शीघ्रता से केन्द्र सरकार के पास जमा करने का अनुरोध किया ताकि उनका जल्द से जल्द निपटान किया जा सके।
सम्मेलन में केन्द्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री सुश्री साध्वी निरंजन ज्योति और श्री अश्विनी कुमार चौबे, 35 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के 17 खाद्य मंत्री, अधिकारी तथा खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
प्रस्तुतिकरण में, विभाग ने खाद्यान्नों की खरीद प्रक्रिया के पैमाने और उसमें सुधारों पर प्रकाश डाला, जो खाद्य सुरक्षा प्रदान करने और खाद्यान्नों की घरेलू कीमतों में स्थिरता प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण है।
सम्मेलन के अंतर्गत संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम (यूएन-डब्ल्यूएफपी) द्वारा विकसित स्वचालित मल्टी-कमोडिटी अनाज वितरण मशीन – ‘अन्नपूर्ति’ और अनाज की स्वचालित गुणवत्ता जांच के लिए विकसित स्वचालित अनाज विश्लेषक का प्रदर्शन किया गया। इसके अलावा सम्मेलन के दौरान मोटे अनाज के विभिन्न उत्पादों को दर्शाने वाली मोटे अनाज की एक प्रदर्शनी भी आयोजित की गई।
सम्मेलन की शुरुआत में, मोटे अनाज की खरीद बढ़ाने के लिए एक व्यापक रणनीति पर चर्चा की गई और इसे तैयार किया गया। मोटे अनाज पर विशेष ध्यान लाभार्थियों की पोषण सुरक्षा को मजबूत करने के व्यापक उद्देश्य को दर्शाता है। अनुमान लगाया गया है कि खरीफ विपणन मौसम (केएमएस) 2023-24 में 26.14 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) मोटे अनाज की खरीद की जाएगी, जबकि अपेक्षित वितरण 22.31 एलएमटी होगा।
(Source: PIB)