महाराष्ट्र के पुणे में दो दिवस्य राज्यस्तरीय चीनी सम्मेलन का समापन रविवार को हुआ। इस सम्मेलन में चीनी उद्योग के दिग्गजों ने हिस्सा लिया और अहम् मुद्दों पर चर्चा की। सम्मेलन में एथेनॉल पर विस्तृत से चर्चा की गई।
इस सम्मेलन में रवींद्र एनर्जी (Ravindra Energy) के एमडी नरेंद्र मुरकुंबी (Narendra Murkumbi) ने भी एथेनॉल को लेकर कई अहम् विषय पर चर्चा की। उन्होंने अपनी प्रस्तुति में बताया की एथेनॉल कितना जरुरी है और उद्योग को इससे कैसे मुनाफा होगा। उन्होंने कहा की देश में फ्लेक्स ईंधन कार (Flex fuel car) का उत्पादन बहुत जरुरी है। ब्राजील में इसे बड़ी तादाद में इस्तेमाल किया जाता है। अपने यहाँ पहले ऑटो इंडस्ट्री ने इसमें ज्यादा रूचि दिखाई नहीं, और सरकार ने भी इसे बढ़ावा दिया नहीं क्यूंकि तभी एथेनॉल उत्पादन कम था। सरकार ने अभी एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा दिया है। हम 2025 तक 20 प्रतिशत एथेनॉल ब्लेंडिंग टारगेट को हासिल करने का प्रयास कर रहे है। हमारे पास बहुत बड़ा मार्केट है। इसलिए मेरा सुझाव है की जल्द ही ज्यादा एथेनॉल प्लांट लगाना चाहिए। क्यूंकि आने वाले 10 साल उद्योग के लिए गोल्डन पीरियड है। चीनी उद्योग बिजली और एथेनॉल का भी उत्पादन करता है इसलिए इसे सम्मान मिलेगा। और इसलिए ज्यादा से ज्यादा इन्वेस्टमेंट करने की जरुरत है।
आपको बता दे की केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को एथेनॉल जैसे वैकल्पिक ईंधन के इस्तेमाल पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कृषि और निर्माण उपकरणों में एथेनॉल के इस्तेमाल के प्रयास चल रहे हैं।
वसंतदादा शुगर इन्टीट्यूट (पुणे), चीनी आयुक्तालय, महाराष्ट्र राज्य सहकारी साखर कारखाना संघ, वेस्ट इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (WISMA) आदि के सहयोग राज्यस्तरीय चीनी सम्मेलन का आयोजन किया गया था।