नई दिल्ली : केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती करने के साथ-साथ मानसून के देरी से आने से जून के महीने में ईंधन की मांग में बढोतरी हुई है। केंद्र सरकार ने 21 मई को पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 8 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 6 रुपये प्रति लीटर की कटौती की, जिससे उपभोक्ताओं को बहुत बढी राहत मिली। वैश्विक ऊर्जा और वस्तुओं से संबंधित सेवा प्रदाता एसएंडपी ग्लोबल कमोडिटी इनसाइट्स ने कहा कि, जून में तेल उत्पादों की भारत की मांग प्रति दिन 704,000 बैरल या सालाना आधार पर 16.3 प्रति वर्ष बढ़ी।
हाल ही में ईंधन पर निर्यात कर लगाने से केंद्र सरकार को अपने राजकोषीय घाटे के प्रबंधन में मदद मिलेगी, जो उत्पाद शुल्क में कटौती के बाद बढ़ गया था। केंद्र सरकार ने 1 जुलाई को पेट्रोल पर 6 रुपये प्रति लीटर और निर्यात पर डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर का विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क लगाया, एक ऐसा कदम जो देश की ऊर्जा मांग को पूरा करने में मदद कर सकता है।विशेषज्ञों को उम्मीद है कि भारत की अर्थव्यवस्था कैलेंडर वर्ष 2022 में 6.8 प्रतिशत और फिर 2023 में 6.3 प्रतिशत की वृद्धि करेगी।