मध्यप्रदेश से गेहूं खरीद में और वृद्धि की उम्मीद

15 मई को गेहूं की खरीद 25.9 mt (million tones) तक पहुंच गई है, और इस साल कुल खरीद 26 mt से 27 mt के बीच होने का अनुमान लगाया है। पंजाब, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में गेहूं खरीद का अभियान एक महीने के अंदर समाप्त होने वाला है। खाद्य सुरक्षा कानून और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत वार्षिक मांग के मुकाबले लगभग 8 mt का अधिशेष हो सकता है, जो संभावित रूप से सरकार को बाजार हस्तक्षेप के लिए प्रावधान करने में मदद करता है।

द हिन्दू बिजनेस में प्रकाशित खबर के मुताबिक, पिछले हफ्ते, भारतीय खाद्य निगम के अध्यक्ष अशोक मीणा ने कहा कि खरीद लगभग 27 mt हो सकती है, जबकि बफर नॉर्म्स को छोड़कर सरकार की आवश्यकता 18.4 mt है। हालही में जारी किये गए आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस सीजन (अप्रैल-जून) में 15 मई तक गेहूं की खरीद 43.6 प्रतिशत बढ़कर 25.9 mt हो गई है, जो पिछले साल 18.04 mt थी। 2022-23 में देश की आधिकारिक खरीद 15 साल के निचले स्तर 18.79 mt पर आ गई, जिससे सरकार को निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के लिए मजबूर होना पड़ा।

पंजाब में 13.2 mt , मध्य प्रदेश में 8 mt और हरियाणा में 7.5 mt तीनो राज्यों से अब तक लगभग 90 प्रतिशत गेहू हासिल किया जा चुका है। जबकि इन तीन राज्यों से 28.7 mt गेहू प्राप्ति का लक्ष्य रखा गया है।

15 मई को हरियाणा में खरीद समाप्त हुई, जिसमे 54.5 प्रतिशत की बढ़त देखने मिली, यानि पिछले साल खरीद 4.07 mt थी और इस साल बढ़कर 6.29 mt हो गई, हालाँकि लक्ष्य 7.5 mt खरीदी का था। राज्य से खरीदी गई कुल मात्रा में से सिर्फ 1,339 t(tone) फेयर एवरेज क्वालिटी (FAQ) के थे, बाकि बचे हुए अंडर रिलैक्स स्पेसिफिकेशन (URS) के हैं।

तो वही पंजाब ने 15 मई तक खरीदी में 26 प्रतिशत की वृद्धि दिखाई है, जो की पिछले साल 9.56 mt से बढ़कर इस साल 12.05 mt हो गई है. जबकि मध्य प्रदेश में खरीद 67.8 प्रतिशत बढ़ गई है यानि पिछले साल 4.16 mt थी और इस साल 6.98 mt हो गई है।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार गेहूं के सबसे बड़े उत्पादक उत्तर प्रदेश में खरीद 0.24 mt से 0.19 mt पर 16.9 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। साथ ही, राजस्थान ने अभी तक सेंट्रल पूल स्टॉक में 0.37 mt का योगदान दिया है, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह सिर्फ 758 t ही था।

अधिकारियों ने इस पर जानकारी देते हुए कहा कि, 15 मई को केंद्रीय पूल के लिए खरीदे गए 1,35,632 t (tone) में से 98,840 t मध्यप्रदेश से खरीदे गए थे।मध्यप्रदेश से खरीद में और वृद्धि की उम्मीद है, जबकि उसी दिन पंजाब में केवल 19,372 t ही खरीदा जा सका। “गेहूं की कीमतें हर जगह MSP से ज्यादा हैं और किसानो को अपने अनाज को बाजार यार्ड या खरीद केंद्र में लाने की परवाह किए बिन ही बेंचमार्क रेट आसानी से उनके दरवाजे पर मिल जा रहा है। साथ ही एक अधिकारी ने बताय कि सिर्फ काम गुणवत्ता वाले अनाज ही 2,125 रुपये प्रति क्विंटल (MSP) से कम में उपलब्ध हैं।

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