नई दिल्ली: इस सीजन चीनी मिलों ने निर्यात के मामलें में अच्छा प्रदर्शन किया है और रिकॉर्ड निर्यात होने का भी अनुमान है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में अच्छी कीमतों से चीनी मिलों को फायदा हुआ है।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) के महानिदेशक अविनाश वर्मा ने सीएनबीसी-टीवी18 के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि, सितंबर के अंत तक लगभग 70 लाख टन निर्यात की उम्मीद है, और यह अब तक की रिकॉर्ड निर्यात है।
आपको बता दे, भारत ने सीजन 2020/21 के मद्देनजर चीनी मिलों को 60 लाख टन चीनी निर्यात करने के लिए सब्सिडी को मंजूरी दी थी। हालही में केंद्र सरकार द्वारा चीनी निर्यात सहायता को 6000/MT से घटाकर 4000/MT कर दिया गया है।
हालही में ISMA ने जारी रिपोर्ट में कहा था की, मौजूदा सीज़न में, हम लगभग 21 लाख टन चीनी को इथेनॉल में बदल रहे हैं और अगले साल हमें सरकार द्वारा देश भर में 10 प्रतिशत इथेनॉल संमिश्रण हासिल करने का लक्ष्य दिया गया है। अगर हम ऐसा करते हैं, तो लगभग 34 लाख टन चीनी को इथेनॉल में बदलने की उम्मीद हैं।
ISMA द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में गन्ने का रकबा 23.12 लाख हेक्टेयर होने का अनुमान है, जबकि 2020-21 सीजन में 23.07 लाख हेक्टेयर था। ISMA उपज के साथ-साथ चीनी रिकवरी में मामूली वृद्धि की उम्मीद कर रहा है और इस प्रकार 2021-22 सीजन में इथेनॉल के उत्पादन के लिए डायवर्जन के बिना अनुमानित चीनी उत्पादन लगभग 119.27 लाख टन होने की उम्मीद है।
अन्य प्रमुख चीनी उत्पादक राज्य, महाराष्ट्र का गन्ना क्षेत्र 2021-22 सीजन में 11 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है। 2020-21 सीजन के 11.48 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 2021-22 सीजन में 12.75 लाख हेक्टेयर होने का अनुमान है। चालू वर्ष के दौरान प्री-मानसून वर्षा बहुत अच्छी रही है, जिसके बाद जून 2021 के महीने में अच्छी बारिश हुई। साथ ही, वर्तमान में राज्य के लगभग सभी क्षेत्रों में जलाशयों का स्तर सामान्य स्तर से ऊपर बताया जा रहा है। अनुमानित चीनी उत्पादन 2021-22 सीजन में बिना इथेनॉल डायवर्जन के लगभग 121.28 लाख टन होने की उम्मीद है।
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