सठियांव: गन्ना और चीनी के रिकॉर्ड उत्पादन के चलते मिलों के गोदामों में चीनी रखने के लिए जगह नही है। कई मिलें किराये के गोदामों में चीनी रख रहें है, जिसके लिए उनके प्रति माह लाखों रूपयें खर्च हो रहें है। दि किसान सहकारी चीनी मिल सठियांव में 2018-19 और 19-20 के दौरान करीब 83 हजार क्विंटल चीनी आजमगढ़ तथा मऊ जनपद के पांच गोदामों में पड़ी है। मिल प्रबंधन को चीनी के रखरखाव में प्रति माह तीन लाख रुपये किराया अदा करना पड़ रहा है।
अमर उजाला डॉट कॉम में प्रकाशित खबर के मुताबिक, गोदामों में पड़ी चीनी की कीमत करीब 85 करोड़ रुपये के आसपास है। गोदाम में चीनी खराब होने लगी है। जिसका खामियाजा मिल को उठाना पड़ रहा है। मिल चीनी के लिए खरीददार की तलाश कर रही है। चीनी मिल सठियांव ने बीते सत्र में 45 लाख क्विंटल गन्ने की क्रशिंग के बाद तीन लाख 80 हजार क्विंटल चीनी का उत्पादन किया था। चीनी की मांग और क्वालिटी के चलते उसकी बिक्री नहीं हो पा रही है।