निर्यात प्रतिबंध से घरेलू बाजारों में चीनी कीमतों और गन्ना भुगतान पर असर नहीं होगा: WISMA

मुंबई : बढ़ती महंगाई के बीच गेहूं के बाद केंद्र सरकार ने अब एक जून से चीनी के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार ने बुधवार को घरेलू उपलब्धता और मूल्य स्थिरता बनाए रखने के लिए 1 जून, 2022 से चीनी निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। वेस्ट इंडियन शुगर मिल्स असोसिएशन (WISMA) के अध्यक्ष बी.बी. ठोंबरे ने दावा किया कि, केंद्र सरकार के इस फैसले से घरेलू बाजारों में चीनी की कीमतों में गिरावट नहीं होगी।

WISMA द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में ठोंबरे ने कहा है कि, पिछले सीजन का अधिशेष स्टॉक 107 लाख टन था, जबकि इस साल 15 मई तक देश में लगभग 350 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है। घरेलू बाजारों में चीनी की 270 लाख टन खपत होने का अनुमान है। अधिशेष स्टॉक और इस सीजन का उत्पादन मिलाकर कुल 457 लाख टन चीनी में से घरेलू बाजारों के लिए 270 लाख टन चीनी के इस्तेमाल के बाद भी हमारे पास 187 लाख टन चीनी बचती है। इस साल लगभग 90 टन चीनी निर्यात के अनुबंध हो चुके है, और 74 लाख टन चीनी देश के बाहर भेजी गई है। उन्होंने कहा, अब सरकार द्वारा 100 लाख टन चीनी निर्यात करने की अनुमति है, इसका मतलब है की 26 लाख टन निर्यात करने का और मौका है। जिसके चलते सरकार के इस फैसले का चीनी मिलों के राजस्व पर कोई नकारात्मक असर नहीं होगा, और मिलें किसानों का भुगतान भी समय पर कर सकती है।

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