चीनी निर्यात में विफलता: मिलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की संभावना

 

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कोल्हापुर: चीनीमंडी

केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित निर्यात लक्ष्य को हासिल करने में मिलें अभी तक नाकाम रही है। लोकसभा चुनाव के चलते शुरू आचार संहिता के खत्म होने के बाद केंद्र सरकार चीनी मिलों पर कार्रवाई करने की संभावना है। पिछले साल की तुलना में इस साल चीनी निर्यात में वृद्धि के बावजूद, मिलें केंद्र द्वारा दिए गए निर्यात कोटा को पूरा करने में विफल रही हैं। सब्सिडी के बावजूद कई मिलों ने किसानों का बकाया भुगतान नही किया है, जिससे केंद्र सरकार नाराज है। इसलिए, केंद्र सरकार की तरफ से चीनी निर्यात करने में कोताई बरतने वाली मिलों का अनुदान और सब्सिडी रोकने का निर्णय लिया जा सकता है।

…इस प्रकार है निर्यात सब्सिडी की स्थिति
देशभर की चीनी मिलों को निर्यात योजना लागू की है। केंद्र सरकार निर्यात के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष ऋण के रूप में 11 रुपये प्रति किलो का अनुदान देती है। जिन चीनी मिलों ने सरकार को निर्यात का हिसाब दिया है, उन लगभग 35 प्रतिशत मिलों को यह सब्सिडी मिली है। शेष सब्सिडी लंबित है। वर्तमान में, देश में कुल मिलों के लगभग 30% मिलों ने चीनी का 100% निर्यात किया है। बाकी मिलों ने 50 प्रतिशत और कुछ भी चीनी निर्यात नही की है। जिन मिलों ने चीनी का निर्यात नहीं किया है, उन्हें ब्लैकलिस्ट किया जाएगा। चीनी विशेषज्ञों ने कहा कि, जिन चीनी मिलों ने निर्यात नही की है, उन मिलों की सब्सिडी भी 100% निर्यातित मिलों को देने का विचार चल रहा है।

चीनी निर्यात का लक्ष्य हासिल करने में नाकामी…
इस साल देश से 21 लाख मीट्रिक टन चीनी का निर्यात किया गया है। पिछले साल यह केवल 5 लाख मीट्रिक टन था। निर्यात में वृद्धि के परिणामस्वरूप, केंद्र ने इस साल मिलों को 50 लाख मीट्रिक टन चीनी निर्यात करने का सुझाव दिया था। लेकिन अभी तक लगभग 50 प्रतिशत निर्यात नहीं हुई है। अक्टूबर से अप्रैल तक २१ लाख मीट्रिक टन कच्ची चीनी का निर्यात किया गया है। जिन मिलों को सब्सिडी और रियायतें मिली हैं, उन मिलों की सूची केंद्र सरकार ने तैयार की है। पिछले कुछ दिनों से इस संबंध में काम शुरू हो गया है। देश में हर जगह चुनाव होने के कारण सरकार ने मिलों के खिलाफ कोई कदम नही उठाया था। लेकिन अब आचार संहिता खत्म होने के बाद इन मिलों पर कार्रवाई की सूचना लागू होने की संभावना है।

किसानों की देनदारी के लिए अनुदान…
किसानों के बकाया भुगतान के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा मिलों को निर्यात सब्सिडी दी गई थी। लेकिन कई मिलों ने किसानों का भुगतान नही किया है।

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