खाद्य असुरक्षा से अफगानिस्तान में ‘एक पूरी पीढ़ी’ को खतरा

काबुल: संयुक्त राष्ट्र के उप विशेष प्रतिनिधि रमिज़ अलकबरोव ने एक बयान में कहा, अफगानिस्तान में लोग खाद्य असुरक्षा और कुपोषण संकट का सामना कर रहे हैं। देश में तीव्र भूख जुलाई में 14 मिलियन से बढ़कर मार्च में 23 मिलियन हो गई, जिससे परिवारों को “हताश उपायों” का सहारा लेना पड़ा। उन्होंने कहा, देश में उपलब्ध भोजन की गुणवत्ता काफी खराब है, जिससे बच्चों की सबसे ज्यादा हानि हुई है। इतना ही नहीं महिलाओं, पुरुषों और बच्चों की शारीरिक और मानसिक हालात पर हानिकारक प्रभाव पड़ा है। 95 प्रतिशत अफगानों को पर्याप्त खाना नहीं मिल रहा है, यह संख्या महिला प्रधान परिवारों में लगभग 100 प्रतिशत तक बढ़ रही है।

अलकबरोव ने कुपोषित बच्चों से भरे अस्पताल के वार्डों की एक तस्वीर चित्रित की, जिसमे कई शिशु इतने कमजोर है की वे चलने में असमर्थ हैं। अफगानिस्तान एक भयानक सूखे के प्रभावों से जूझ रहा है, और इस साल खराब फसल की संभावना से बैंकिंग और वित्तीय संकट इतना गंभीर हुआ है कि जिसके कारण 80 प्रतिशत से अधिक आबादी को कर्ज में धकेल दिया है। उन्होंने कहा, संयुक्त राष्ट्र और साझेदार, भूख और कुपोषण के प्रभावों को कम करने के लिए सब कुछ कर रहे हैं, साथ ही वहां के समुदायों को भविष्य में अपनी आजीविका की रक्षा और बनाए रखने का साधन दे रहे हैं। डॉ अलकबरोव ने कहा कि, देश के 34 प्रांतों में से 28 में तीव्र कुपोषण दर है, और 35 लाख से अधिक बच्चों को पोषण उपचार सहायता की आवश्यकता है। अगस्त के मध्य से, सभी 34 प्रांतों में 2,500 से अधिक पोषण उपचार स्थल, शहरी और ग्रामीण दोनों, 800,000 गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों की सेवा कर रहे हैं।

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