‘विदेश व्यापार नीति 2023’ निर्यातकों को और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाएगी: डीजीएफटी

नई दिल्ली : विदेश व्यापार महानिदेशक (डीजीएफटी) संतोष सारंगी ने कहा, विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) 2023 शुक्रवार को जारी की गई है, और निर्यातकों को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाएगी।एफ़टीपी 2023 नीति लागू करने के मौके पर एएनआई से बात करते हुए, सारंगी ने कहा, हमारे निर्यातकों को आत्मनिर्भर भारत के सिद्धांतों को अपनाना चाहिए और वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी होने की कोशिश करनी चाहिए।उन्होंने कहा, धीरे-धीरे हमारे आपूर्तिकर्ता अधिक प्रतिस्पर्धी होंगे और हमारी रसद लागत कम हो जाएगी। इससे हमारे निर्यातक विश्व स्तर पर अधिक प्रतिस्पर्धी बनेंगे। अगर आप पिछले ढाई साल देखें तो इस पर ज्यादा जोर दिया गया है।

सारंगी ने एफटीपी 2023 में विदेशी देशों द्वारा भारतीय रुपए में ट्रेडिंग पर दिए गए फोकस के बारे में बात करते हुए कहा कि, वर्तमान में आरबीआई और अन्य कई देशों के सेंट्रल बैंक की मंजूरी से विशेष वोस्ट्रो खाते खोले जा रहे हैं। उन्होंने कहा, अब तक 18 देशों के 60 बैंकों में लगभग 30 वोस्ट्रो खाते खोले गए हैं। जैसे ही यह विशेष वोस्ट्रो खाता खोला जाएगा, आयातकों और निर्यातकों को इसके बारे में पता चल जाएगा और रुपये में लेन-देन बढ़ जाएगा।उन्होंने आगे कहा, भारतीय रुपये में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार निपटान की अनुमति दी गई और निर्यात लाभ प्रदान करने के लिए एफ़टीपी 2023 में बदलाव किए गए और आरबीआई के अनुसार भारतीय रुपये में निर्यात दायित्व की पूर्ति” की गई।एफटीपी 2023 में ई-कॉमर्स एक्सपोर्ट हब के लिए नीतियां बनाने की भी बात कही गई है।

ई-कॉमर्स एक्सपोर्ट हब के बारे में बात करते हुए सारंगी ने कहा, ई-कॉमर्स के लिए एक इंटर-मिनिस्ट्रियल कमेटी काम कर रही है। राजस्व विभाग, डाक विभाग और वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारी इस पर मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ई-कॉमर्स एक्सपोर्ट हब के पीछे का विचार प्रसंस्करण, पैकेजिंग और वापसी नीति को सरल बनाना है, साथ ही बैंकिंग चैनल को सुविधाजनक बनाने की कोशिश की जा रही है। एफ़टीपी 2023 के अनुमान के अनुसार, ई-कॉमर्स निर्यात 2030 तक 200-300 बिलियन अमरीकी डॉलर तक बढ़ने की उम्मीद है।

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