इस्तेमाल हो चुके कुकिंग ऑइल से बनेगा बायोडीजल

नई दिल्ली : चीनी मंडी

सरकारी ऑइल मार्केटिंग कंपनियों इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम ने 10 अगस्त को देश भर के 100 शहरों में कुकिंग ऑइल से बने बायोडीजल की खरीद के लिए एक योजना की शुरुआत की। कार्यक्रम को औपचारिक रूप से पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा शुरू किया गया था, जिसके तहत तीन ‘ओएमसी’ (OMC) उपयोग किए गए खाना पकाने के तेल से बायोडीजल बनाने के लिए संयंत्र स्थापित करने के लिए निजी संस्थाओं को आमंत्रित करेंगे।

भारत में, 2,700 करोड़ लीटर खाना पकाने के तेल (UCO) का उपयोग किया जाता है, जिसमें से 140 करोड़ UCO को रूपांतरण के लिए होटल, रेस्तरां और कैंटीन जैसे थोक उपभोक्ता से एकत्र किया जा सकता है, जो हर साल लगभग 110 करोड़ लीटर बायोडीजल देगा।

बायोडीजल को 51 रुपये प्रति लीटर पर खरीदा जाएगा

प्रारंभ में, बायोडीजल को OMC द्वारा 51 रुपये प्रति लीटर की अनुमानित दर पर खरीदा जाएगा, जिसे दूसरे वर्ष में बढ़ाकर 52.7 रुपये और तीसरे वर्ष में 54.5 रुपये प्रति लीटर किया जाएगा। मंत्री ने रीपर्पज यूज्ड कुकिंग ऑइल (RUCO) स्टीकर और यूज्ड कुकिंग ऑइल (UCO) के लिए मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया। इनसे यह सुनिश्चत किया जाएगा कि इस्तेमाल हो चुका तेल दोबारा इस्तेमाल ना आए।

2030 तक डीजल में 5 प्रतिशत बायोडीजल मिश्रण का लक्ष्य

इथेनॉल सम्मिश्रण के बारे में, उन्होंने कहा, “हम अधिशेष खाद्य स्टॉक से भी इथेनॉल बनाएंगे। वर्तमान में हम गन्ने के रस से इथेनॉल का उत्पादन करते हैं। लगभग चार-पाँच साल पहले, हमने पेट्रोल के साथ मिश्रित इथेनॉल को बढ़ाने का फैसला किया था। यह 1.5 प्रतिशत से बढ़कर 7 से 8 प्रतिशत हो गया है। यह जल्द ही 10 प्रतिशत हो जाएगा। हमारा अंतिम लक्ष्य पेट्रोल के साथ 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रीत करना है।”

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