गन्ना मूल्य भुगतान में तेजी लाने के लिए कार्यवाही करने के निर्देष

लखनऊः 11 दिसम्बर, 2019

प्रदेश के गन्ना किसानों के बकाया गन्ना मूल्य का त्वरित भुगतान कराने के मा. मुख्य मंत्री, योगी आदित्यनाथ के आदेशों तथा मुख्यालय स्तर पर गन्ना मूल्य भुगतान का दैनिक अनुश्रवण कराने के मा. मंत्री, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग श्री सुरेष राणा के निर्देश के क्रम में गन्ना एवं चीनी आयुक्त स्तर से गन्ना मूल्य के भुगतान का दैनिक अनुश्रवण किया जा रहा है। वर्तमान सरकार द्वारा रू.76,943.02 करोड़ का रिकार्ड गन्ना मूल्य भुगतान किसानों को कराया जा चुका है। जिसमें पेराई सत्र 2018-19 का रू.30,161 करोड़ का भुगतान भी शामिल है, साथ ही वर्तमान पेराई सत्र 2019-20 का भी रू.673.05 करोड़ का गन्ना मूल्य भुगतान भी गन्ना कृषकों को किया जा चुका है।

मा. मंत्री गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग श्री सुरेष राणा द्वारा बताया गया कि प्रदेष सरकार मा. मुख्य मंत्री के मार्गदर्षन में किसानों के गन्ने की सुचारू रूप से चीनी मिलों को आपूर्ति कराने तथा उन्हें गन्ना मूल्य का भुगतान कराने के लिए कृत संकल्प है और इस दिशा में व्यवस्थाओं को बेहतर किये जाने हेतु निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं। इसी क्रम में गन्ना क्रय केन्द्रों से गन्ना परिवहन पर होने वाली कटौती रू.8.75 प्रति कुन्तल के स्थान पर 42 पैसे प्रति कुन्तल प्रति किलोमीटर अधिकतम रू.8.35 प्रति कुन्तल निर्धारित किया गया है। इससे 20 किमी. से कम दूरी वाले किसानों को 42 पैसे प्रति किमी. प्रति कुन्तल की दर से गन्ना आपूर्ति के परिवहन व्यय की बचत का लाभ होगा।

मा. मंत्री द्वारा यह भी बताया कि वर्तमान सरकार द्वारा किसानों के ग्राम्य उद्योग खाण्डसारी एवं गुड उद्योग को बढावा देने हेतु वर्ष 2018-19 में खाण्डसारी इकाई हेतु आनलाइन लाइसेंस व्यवस्था एवं लाइसेंसिंग शर्तों में षिथिलीकरण करते हुए चीनी मिलों से न्यूनतम दूरी निर्धारित 15 किमी. को षिथिल कर 7.5 किमी किया गया, जिसके परिणामस्वरूप विगत 25 वर्षों में प्रथम बार खाण्डसारी इकाईयों के 101 नये लाइसेंस जारी किये गये जिससे 26,450 टी.सी.डी. की अतिरिक्त पेराई क्षमता का सृजन होगा, जो लगभग 6 चीनी मिलों की पेराई क्षमता के समान है।

मा. गन्ना मंत्री ने बताया कि, वर्तमान सरकार द्वारा गन्ना किसानों के हित में किये गये प्रयासों से किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है और गन्ना किसान खुषहाली और समृद्धि की ओर अग्रसर है। गन्ना विकास विभाग के विषेष प्रयासों से विगत ढाई वर्षों में प्रदेष में औसत गन्ना उत्पादकता 72.38 से 80.50 मी.टन प्रति हे. हुई है, जिससे कृषकों को प्रति हैक्टेयर 8.12 मी. टन अतिरिक्त गन्ने की उपज प्राप्त हुई है। गन्ना उत्पादकता में हुई इस वृद्धि से किसानों की आय में औसत रू.320.00 प्रति कु. की दर से रू.25,984 प्रति है. की वृद्धि हुई है। विगत ढाई वर्षों में 2142 लाख टन गन्ने की पेराई की गयी जो पूर्व के 03 वर्षों की सम्मिलित पेराई 2,218 लाख टन के लगभग बराबर है।

प्रदेष सरकार द्वारा प्रथम बार चीनी मिल एवं गन्ना समितियों में गन्ना किसानों के वर्षों से लम्बित पडे़ अनपेड गन्ना मूल्य रू.129.37 करोड़ के सापेक्ष व्यापक प्रचार-प्रसार कर 85,178 कृषकों को रू.114.07 करोड़ अनपेड गन्ना मूल्य भुगतान सुनिष्चित कराया गया है। प्रदेष सरकार द्वारा कृषकों के प्रति संवेदनषील रवैया अपनाते हुए निजी क्षेत्र की बन्द पडी तीन चीनी मिलों, बुलन्दषहर, गागलहेड़ी व वीनस को गत पेराई सत्र से पुनः संचालित कराया तथा इन चीनी मिल क्षेत्रों के लगभग एक लाख गन्ना किसानों की गन्ना आपूर्ति की समस्या का समाधान किया है एवं निगम क्षेत्र की बन्द पडी चीनी मिल पिपराइच (गोरखपुर) व मुण्डेरवा (बस्ती) के स्थान पर 5000 टी.सी.डी. की नई चीनी मिलें और 27 मेगावाट क्षमता का कोजन संयंत्र स्थापित किया है। सहकारी चीनी मिल रमाला (बागपत) का क्षमता विस्तार कर 2750 टी.सी.डी. से 5000 टी.सी.डी. करने तथा यहां पर 27 मेगावाट का कोजन संयंत्र लगाने की परियोजना का लोकार्पण किया गया है। इन परियोजनाओं से लगभग एक लाख गन्ना किसानों को गन्ना आपूर्ति में सुविधा होगी तथा 11,000 हजार लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार प्राप्त होगा। सहकारी चीनी मिलों की कार्यक्षमता में सुधार एवं आधुनिकीकरण के तहत अनूपषहर, नानपारा, सरसावा, पुवायां, बेलरायां और सम्पूर्णानगर चीनी मिलों में इस वर्ष आधुनिकीकरण का कार्य किया गया है।

यह भी बताया गया कि नाबार्ड ऋण अदायगी पर ब्याज अनुदान का पूर्ण लाभ किसानों को दिये जाने हेतु ऋण अदायगी पर वर्ष में 2 बार डिमांड लगाकर ब्याज अनुदान का पूर्ण लाभ दिये जाने की संषोधित व्यवस्था की गयी है जिससे किसानों को लगभग रू.4.5 करोड का ब्याज अनुदान का लाभ प्राप्त होगा। सट्टा नीति में बदलाव करते हुए वर्ष 2016-17 में सीमात, लघु एवं सामान्य कृषकों को सट्टे की अधिकतम सीमा क्रमषः 750 कुन्तल, 1500 कुन्तल एवं 3750 कुन्तल को बढाकर सीमान्त कृषक हेतु 850 कुन्तल तक, लघु कृषक हेतु 1700 कुन्तल तक एवं सामान्य कृषक हेतु 4250 कुन्तल तक की सीमा तक बढोत्तरी की गयी है, जिसके फलस्वरूप प्रदेष के किसानों के सट्टे में लगभग 56 लाख कुन्तल तक की बढोत्तरी हुई है।

बकाया भुगतान के संबंध में जानकारी देते हुए गन्ना आयुक्त, श्री संजय आर. भूसरेड्डी ने भी बताया कि बकायेदार चीनी मिलों का सम्पूर्ण गन्ना मूल्य का भुगतान अविलम्ब सुनिश्चत कराने हेतु विभागीय अधिकारियों को दैनिक स्तर पर अनुश्रवण करने एवं भुगतान में उदासीनता बरतने वाली लापरवाह मिलों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही करने के निर्देष दिये गये हैं तथा बार-बार निर्देशों के बावजूद गन्ना मूल्य भुगतान में उदासीन रहने वाली चीनी मिलों के विरूद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/7 एवं अन्य सुसंगत प्राविधानों के अन्तर्गत प्राथमिकी दर्ज कर विधिक कार्यवाही करने के साथ ही वसूली प्रमाण-पत्र (आर.सी.) जारी करने की प्रक्रिया अमल में लायी जा रही है।

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