हरियाणा सरकार ने सहकारी चीनी मिलों का किया आर्थिक सशक्तिकरण

रोहतक, 10 सितम्बर: हरियाणा में चुनावी बिगुल बज चुका है। चुनाव की आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले घोषणाओं और लोक लुभावन वादों की झड़ियाँ लग रही है। इन सबके बीच सूबे के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर किसानों से पाँच साल मे किए विकास कार्यों की दुहाई देते हुए फिर से मौक़ा देने की अपील कर रहे है। राजनीतिक रैलियों के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रोहतक में किसानों को संबोधित करते हुए कहा यहाँ गन्ने की खेती करने वाले किसानों से मै पूछना चाहता हूँ कि आपको पिछली सरकार ने क्या दिया। हमारी सरकार ने एक से एक निर्णय लेकर गन्ना किसान और चीनी मिलों की स्थिति में बदलाव लाने का काम किया है। पीएम ने कहा कि हमने हाल ही में 60 लाख टन चीनी के निर्यात को मंजूरी दी है इससे सीधे सीधे किसानों को फ़ायदा होगा।

इस अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा प्रधानमंत्री जी की दूरगामी सोच के चलते गन्ना के रेट बढ़े। पहले से तय रेट में केन्द्र ने 20 रुपये की बढ़ोत्तरी कर 255 रुपये से 275 रुपये प्रति क्विंटल तय किए जो सरकार की किसान हितैंषी सोच दर्शाता है। खट्टर ने कहा कि केन्द्र सरकार ने चीनी मिलों की वित्तीय स्थिति मे इज़ाफ़ा करने के लिए गन्ने से एथनॉल निर्माण को मंज़ूरी दी। इसके बाद मिलों को एथेनॉल निर्माण के लिए 7,400 करोड़ रुपये का कम ब्याज पर सस्ता ऋण दिया। सरकार की इस पहल से ग़ैर -शीरा-आधारित एथेनॉल निर्माण को गति मिली है और चीनी मिलो को अतिरिक्त आय का ज़रिया मिला है।

कार्यक्रम के बाद मीडिया से बात करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि प्रदेश में जब से हमारी सरकार बनी हमने बदहाली के कगार पर चल रही सहकारी चीनी मिलों की आर्थिक स्थिति में सुधार किया उनके लिये वित्तीय प्रावधान किए। जिन सहकारी चीनी मिलों को पिछली सरकार बंद करने की बात कर रही थी वो चीनी मिलें आज मुनाफ़े में चल रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नीयत साफ़ हो तो काम सही होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सूबे की सभी सहकारी चीनी मीलों की कार्य क्षमता बढाने और उनको तकनीकी रूप से अपडेट करने के लिए हमारी सरकार ने एक हज़ार करोड़ रुपये ख़र्च किए। चीनी मिलों को घाटे से उबारा और भृष्टाचार पर लगाम लगाई। चीनी मिलों में व्याप्त अनियमितताओं को हमने रोका। मिलों को सरकारी दबाव से मुक्त कर काम करने की आज़ादी दी।आज स्थिति ये है कि मात्र पाँच साल में जिन चीनी मिलों को हमने लोन दिया था वो लोन भी चुका दिया है और लाभांश में चल रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की सभी 11 सहकारी चीनी मिलें अच्छी स्थिति में चल रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने किसानों, चीनी मिल मालिकों को आगे बढ़ाया साथ ही सहकारी चीनी मिलों के काम करने वाले कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग का लाभ भी दिया। ये हमारी मिलों और कामगारों के प्रति काम करने की सोच को रेखांकित करता है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने गन्ना किसानों के लिए केन्द्र सरकार द्वारा 60 लाख टन चीनी के निर्यात को दी गयी मंजूरी के लिए प्रधानमंत्री का आभार जताते हुए 2022 तक किसानों की आमदनी को दो गुना करने की प्रतिबद्धता दोहराई।

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