करनाल / नई दिल्ली : करनाल सहकारी चीनी मिल को तकनीकी दक्षता के लिए राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। मिल के प्रबंध निदेशक राजीव प्रसाद ने बताया कि, यह पुरस्कार 3 जुलाई को राष्ट्रीय सहकारी चीनी मिल संघ (NFCSF) द्वारा आयोजित वार्षिक राष्ट्रीय दक्षता पुरस्कार समारोह के दौरान प्रदान किया गया। मिल के अधिकारियों और निदेशक मंडल के सदस्यों ने पुरस्कार प्राप्त किया।
प्रसाद ने बताया कि, मिल ने 2023-24 के लिए अपना पेराई सत्र 15 नवंबर, 2023 को शुरू किया था और 11 अप्रैल, 2024 को बिना किसी रुकावट के इसे पूरा कर लिया। इस सत्र के दौरान मिल ने 49.34 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की और 4.90 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया। इस निरंतर प्रदर्शन और परिचालन उत्कृष्टता ने मिल को तकनीकी दक्षता के लिए राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दिलाई।
किसानों की सुविधा बढ़ाने के लिए मिल ने ऑनलाइन टोकन प्रणाली लागू की है, जिससे किसान स्वयं टोकन बना सकते हैं और अपनी गन्ना ट्रॉलियों पर चिपका सकते हैं। इसके अलावा, मिल ने पेराई सत्र के दौरान किसानों की किसी भी समस्या में सहायता के लिए दो समर्पित हेल्पलाइन नंबर स्थापित किए हैं। प्रसाद ने कहा कि, प्रणाली सफलतापूर्वक चल रही है।
मिल की किसान-हितैषी प्रथाओं पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि, किसान दो-तीन घंटे के भीतर अपनी ट्रॉलियों को उतारने और तुरंत घर लौटने में सक्षम हैं। मिल ने गन्ने के लिए समय पर भुगतान सुनिश्चित किया है, वर्तमान सीजन के सभी बकाया पहले ही चुकाए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि पेराई सत्र के दौरान, भुगतान दो-तीन दिनों के भीतर किया गया था।
एमडी ने कहा कि, मिल के 18 मेगावाट के सह-उत्पादन बिजली संयंत्र ने 351.38 लाख किलोवाट घंटे बिजली पैदा की, जिसके परिणामस्वरूप 22.31 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हुआ। इसने मिल की वित्तीय लाभप्रदता में महत्वपूर्ण योगदान दिया।पेराई सत्र के दौरान किसानों की सहायता के लिए, गन्ना यार्ड में रात भर ठहरने और चाय कैंटीन सहित विशेष व्यवस्था की गई थी। उन्होंने कहा कि मिल ‘अटल मजदूर किसान कैंटीन’ चला रही है, जहां किसानों को मात्र 10 रुपये में भोजन दिया जाता है।