हरियाणा: करनाल संस्थान के वैज्ञानिकों ने बढ़ाई गन्ने के रस की शेल्फ लाइफ

करनाल : Sugarcane Breeding Institute Regional Centre (करनाल) ने एक ऐसी प्रक्रिया विकसित करने का दावा किया है, जो गन्ने के रस के शेल्फ जीवन को 4 डिग्री सेल्सियस यानी पारंपरिक रेफ्रिजरेटर के तापमान पर 90 दिनों तक बढ़ा देगा। संस्थान के प्रमुख डॉ एसके पांडे ने इस प्रौद्योगिकी के विकास की पुष्टि की।

द ट्रिब्यून में प्रकाशित खबर के मुताबिक, संस्थान ने कहा कि, उसके वैज्ञानिकों ने उस तकनीक को मानकीकृत किया है जो बोतल में जूस के भंडारण की अनुमति देती है, जिससे ऑफ सीजन में रस की उपलब्धता सुनिश्चित होती है। पांडे ने कहा, प्लांट फिजियोलॉजी की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ पूजा धांसू के नेतृत्व में एक टीम ने तकनीक विकसित की है। उन्होंने जूस की पैकेजिंग पर काम शुरू कर दिया है। जल्द ही यह जूस ऑफ सीजन में भी संस्थान के सेल काउंटर पर उपलब्ध होगा।

विशेषज्ञों का कहना है कि, गन्ने के रस का रंग हरे से भूरे रंग में बदलने से यह जल्दी किण्वित हो जाता है, जिससे यह खपत के लिए उपयुक्त नहीं होता है।उन्होंने दावा किया की, वैज्ञानिकों ने न केवल शेल्फ-लाइफ को बढ़ाया बल्कि स्वाद, सुगंध और रंग भी बनाए रखा है। पांडे का मानना है कि इस प्रक्रिया से छोटे पैमाने के जूस उद्योगों में क्रांति आ सकती है क्योंकि वे उन क्षेत्रों में उच्च गुणवत्ता वाले गन्ने के रस की उपलब्धता सुनिश्चित करने में सक्षम होंगे जहां फसल का उत्पादन नहीं होता है।

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