नई दिल्ली: एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) के उपयोग की बदौलत भारत पिछले एक साल में 9,580 करोड़ रुपये के कीमती विदेशी मुद्रा को बचाने में कामयाब रहा है। इंडियन ऑयल (IOC), भारत पेट्रोलियम (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम (HPCL) ने 1 दिसंबर 2020 से 14 नवंबर 2021 के बीच 3,672 करोड़ लीटर एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) बिक्री की। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने संसद में एक लिखित उत्तर में कहा की, दिसंबर 2020 से 14 नवंबर 2021 के दौरान तक ईबीपी के चलते लगभग 9,580 करोड़ रुपये विदेशी मुद्रा बचाने का अनुमान है।
E10 पेट्रोल का उपयोग दोपहिया और यात्री कारों दोनों में हाइड्रोकार्बन और कार्बन मोनोऑक्साइड उत्सर्जन में 20 प्रतिशत की कटौती करता है, जबकि E20 पेट्रोल के उपयोग से दोपहिया वाहनों में कार्बन मोनो-ऑक्साइड उत्सर्जन में 50 प्रतिशत और चार पहिया वाहनों में 30 प्रतिशत की कटौती होती है। खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग (DFPD) के अनुसार, भारत की वर्तमान एथेनॉल उत्पादन क्षमता लगभग 722 करोड़ लीटर प्रति वर्ष है, जिसे 20 प्रतिशत EBP कार्यक्रम की आवश्यकता को पूरा करने के लिए बढ़ाकर 1,500 करोड़ लीटर प्रति वर्ष किया जाना है।