चीनी उद्योग की मदद करने के लिए यूपी सरकार की ये है योजना

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लखनऊ : चीनी मंडी

उत्तर प्रदेश सरकार ने आर्थिक संकट से निपटने के लिए बीमार चीनी क्षेत्र को निधि देने के लिए चीनी पर मामूली उपकर लगाने की योजना बनाई है। गन्ना और आबकारी विभागों के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की समीक्षा बैठक में इस प्रस्ताव पर चर्चा हुई। यूपी चीनी और गन्ना विकास निधि शुरू करने के प्रस्ताव का उद्देश्य बीमार चीनी क्षेत्र, विशेषकर गन्ना उत्पादकों की मदद करना है, जो साल-दर-साल देरी से भुगतान से जूझ रहे हैं। यूपी सरकार ने इससे प्रति वर्ष लगभग 5,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई है।

इसके अलावा, गन्ना किसानों के शौचालय, टॉयलेट, पीने के पानी जैसी अन्य सुविधाओं के निर्माण के लिए भी निधि का उपयोग किया जाएगा। गन्ना आयुक्त संजय भूसरेड्डी ने बताया कि, प्रस्ताव को बैठक में सैद्धांतिक रूप से मंजूरी मिल गई है और इसे अंतिम रूप देने से पहले कानूनी तौर-तरीकों के लिए भेजा जाएगा।

यूपी सरकार कॉर्पस (फंड) बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जो आर्थिक संकट से निपटने के लिए पर्याप्त होगा। इस फंड का इस्तेमाल गन्ने के बुनियादी ढांचे का निर्माण और किसानों को समय पर भुगतान करने के लिए होगा। राज्य और केंद्र सरकार दोनों ने पिछले दो वर्षों में अनुदान और ऋण दोनों के माध्यम से विभिन्न योजनाओं के माध्यम से चीनी उद्योग के वित्त पोषण में लगभग 11,000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।

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