चीनी के विकल्प के रूप में एयरलाइनों में उपलब्ध हो सकते है शहद के पाउच

पुणे : चीनी मंडी

नैसर्गिक विपत्तियां, अधिशेष और आर्थिक कठिनाइयों के बीच झुलस रहे चीनी उद्योग के सामने अब एक नया प्रतिस्पर्धी खड़ा हुआ है, और वो है शहद, क्योंकि अब कई जगहों पर चीनी के विकल्प के रूप में शहद को चुना जा रहा है। अब इस कड़ी में एयरलाइंस कंपनियां भी जुड़ने की संभावना है, जिसकी पहल केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी कर रहे है।

केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि, वह एयरलाइंस से अनुरोध करेंगे कि फ्लाइट में यात्रियों को चाय / कॉफी परोसते समय उन्हें शहद की मिठास प्रदान की जाए। वह सोमवार को पुणे में एक केंद्रीय मधुमक्खी अनुसंधान और प्रशिक्षण संस्थान (CBRTI) में बोल रहे थे। उन्होंने कहा, आम तौर पर, एक चम्मच शहद तीन चम्मच चीनी के बराबर होता है। वर्तमान में, यात्रियों को परिष्कृत चीनी पाउच बोर्ड पर प्रदान किए जाते हैं, इसलिए हम कोशिश कर रहे हैं कि यदि हम उड़ानों और होटलों में शहद के पाउच या शहद के क्यूब्स प्रदान कर सकें। उन्होंने कहा कि, चीनी या शहद का विकल्प होगा। एयर इंडिया, इंडिगो, स्पाइसजेट और गोएयर और खादी ग्रामोद्योग आयोग के चेयरपर्सन को भी बुलाने जा रहा हूं, और उनसे उड़ानों में उपलब्ध दोनों विकल्पों को उपलब्ध कराने का अनुरोध करूंगा।

सरकार शहद के क्लस्टर बनाने की योजना बना रही है और शहद उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान देगी, उन्होंने कहा कि सरकार शहद के विभिन्न उत्पादों को बनाने की भी योजना बना रही है। उन्होंने कहा, इस तरह के क्लस्टर देश में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बहुत बढ़ावा देंगे और किसानों की आय में वृद्धि होगी। गडकरी ने कहा कि, उनका मंत्रालय ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और अगले पांच वर्षों में अपने कारोबार को बढ़ाकर पांच लाख करोड़ रुपये करने का काम करेगा।

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