गोवा में गन्‍ना उत्‍पादन में भारी गिरावट

पणजी : संजीवनी चीनी मिल की स्थापना 1972 में गोवा के पहले मुख्यमंत्री दयानंद बांदोडकर ने दक्षिण गोवा के धरबंदोरा में की थी। चीनी मिल शुरू होने के बाद पहले कुछ सालों में किसानों ने गन्ने का रिकॉर्ड उत्पादन किया था। हालाँकि, पिछले एक दशक से चीनी मिल घाटे में चली गई और तो और तीन साल पहले इसका संचालन यह कहते हुए बंद कर दिया गया था कि मिल संचालित करने के लिए व्यवहार्य नहीं है। मिल बंद करते समय बताया गया था कि, संचालन बंद होने के बाद नया प्लांट लगाया जाएगा, जो बाय-प्रोडक्ट भी देगा। हालांकि यह अभी तक हकीकत में नहीं आया है। मिल बंद होने से प्रदेश में गन्ने के उत्पादन में भारी गिरावट आई है।

रिपोर्टों के अनुसार, 2017-18 में लगभग 789.48 हेक्टेयर भूमि पर खेती की जा रही थी, जिसमें 955 किसानों ने 47,503.723 टन गन्ने का उत्पादन किया था। बाद के वर्ष में 865 किसानों ने 798.64 हेक्टेयर भूमि पर खेती की और उन्होंने तब 33,212.773 टन गन्ने का उत्पादन किया था। 2020 में सरकार ने चीनी मिल के संचालन को बंद करने की घोषणा की और उत्पादन घटकर 26,282.61 टन रह गया, जिसकी खेती 784 किसानों की भागीदारी के साथ 664.17 हेक्टेयर में की गई थी। 2020-21 में उत्पादन घटकर मात्र 31,202.188 हेक्टेयर रह गया और किसानों की संख्या घटकर 535 रह गई। पिछले साल केवल 431.57 हेक्टेयर भूमि पर खेती की गई थी।

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