अगर इथेनॉल उद्योग 2 लाख करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था बन जाता है तो 1 लाख करोड़ रुपये किसानों की जेब में जाएंगे: नितिन गडकरी

नई दिल्ली: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि, अगर इथेनॉल उद्योग 2 लाख करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था बन जाता है तो 1 लाख करोड़ रुपये किसानों की जेब में जाएंगे।

ANI न्यूज़ एजेंसी को दिए एक साक्षात्कार में, उन्होंने कहा कि, इथेनॉल के उपयोग में वृद्धि से भी प्रदूषण में भी कमी आएगी। चीनी निर्यात के बारे में उन्होंने कहा की, हमने पिछले साल 60 लाख टन चीनी का निर्यात किया और इसके लिए 6,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी। उन्होंने कहा, देश में 8 लाख करोड़ रुपये के कच्चे तेल का आयात होता है। इसके बजाय, हम 2 लाख करोड़ की इथेनॉल अर्थव्यवस्था का निर्माण करना चाहते हैं। वर्तमान में, यह केवल 20,000 करोड़ रुपये है।

गडकरी ने कहा कि, इथेनॉल सस्ता है और सरकार द्वारा निर्धारित पेट्रोल के साथ इथेनॉल के सम्मिश्रण के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए इथेनॉल के अधिक उत्पादन की आवश्यकता है। हम चावल और मक्का से इथेनॉल बनाएंगे। हमें एक टन मक्का से 380 लीटर इथेनॉल मिलता है, जबकि हमें एक टन चावल से 480 लीटर इथेनॉल मिलता है। सरकार इथेनॉल खरीदने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, अब हम 2 लाख करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था बनाने की बात कर रहे हैं। आने वाले समय में हवाई जहाज इथेनॉल से बने ईंधन पर चलेंगे और पैसा किसानों को मिलेगा।

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