“अगर चीनी मिलें आदेशों का अनुपालन नहीं करेगी तो उन्हें सुविधाओं से वंचित किया जाएगा”

सीतापुर, 26 नवम्बर: उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों में इन दिनों गन्ना पैराई सत्र चल रहा है। प्रदेश सरकार ने चीनी मिलों में गन्ना पैराई को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है। नए दिशा निर्देशों में चीनी मिलों में गन्ना किसानों के लिए किसान रेस्ट हाउस में साफ सफाई के साथ अन्य ज़रूरी इन्तेज़ामात करने के निर्देश दिए गए है। लेकिन सरकार के निर्देशों के बावजूद प्रदेश की कुछ चीनी मिलें ऐसी है जहां न तो किसानों के लिए बनाए गए रेस्ट हाउस आराम करने लायक है और न ही उनमें साफ़ सफाई का ख़्याल रखा गया है। ऐसा ही मामला देखने को मिला है उत्तर प्रदेश के सीतापुर स्थिति डालमिया चीनी मिल में। किसानों का ऐसा आरोप है की जवाहरपुर की इस चीनी मिल में सरकारी गाइडलाइन के मुताबिक़ किसानों के लिए गेस्ट हाउस तो बनाया गया है लेकिन सुविधाओं के नाम पर पीने का पानी भी नहीं है।

मिल में व्याप्त अव्यवस्थाओं के विषय पर जब चीनी मिल के महाप्रबंधक आशीष बंसल से बात की गयी तो उनका कहना था कि कुछ दिन से सफ़ाई नहीं हुई है वर्ना हमेशा होती रहती है। हालाँकि जब उनसे पूछा गया कि शासन की तरफ़ से गन्ना पैराई सत्र की तैयारियों को लेकर साफ़ सफाई और किसानों से जुड़ी सुविधाएँ दुरुस्त करने जैसे शासनादेश पहले ही आए हुए हैं तो इस बात पर वो नो कमेंट करके चलते बने।

चीनी मिल में व्याप्त अव्यवस्था और शासनादेश की अवहेलना पर ज़िला गन्ना अधिकारी संजय सिसोदिया से प्रतिक्रिया ली गयी तो उनका कहना था कि चीनी मिलों को हमसे पहले से स्पष्ट निर्देश दे रखे हैं बावजूद इसके अगर चीनी मिलें आदेशों की अनुपालना में फेल रहती है तो उनको भविष्य में सस्ती दर के लोन सहित अन्य सुविधाओं से वंचित किया जाएगा और क़ानूनन कड़ी कार्रवाई भी होगी।

मिल में गन्ना लेकर आए किसान लालचंद से बात हुई तो उनका कहना था कि हमें न तो पानी की सुविधा कहीं दिखी और न की बैठने का उचित स्थान। हमारी ट्रॉली से गन्ना देर शाम उतरेगा जबकि हम भोर सुबह के आए हुए है। अभी दोपहर का खाना खाने का समय हो रहा है घर से खाना लाए हैं कहीं बैठने की व्यवस्था नहीं है। अपने ट्रेक्टर की ट्रॉली के नीचे बैठे हुए अपनी बारी का इंतज़ार कर रहे। किसान रमन ने कहा कि रात्रि में हमें ट्रॉली के नीचे सोना पड़ेगा चीनी मिल में कोई इन्तज़ाम नहीं है।

ग़ौरतलब है कि जब भी गन्ना पैराई सत्र शुरु होता है तो चीनी मिलों को शासन से मशीनों की साफ़ सफ़ाई के साथ किसानों से जुड़ी हर सुविधा दुरुस्त करने के लिए निर्देश पहले ही दे दिये जाते है लेकिन गन्ना किसान अक्सर आरोप लगाते है की चीनी मिलों की ग़ैर ज़िम्मेदाराना लापरवाही की वजह से मिलों में गन्दगी और अव्यवस्था का माहौल पैदा हो जाता है जिसका ख़ामियाज़ा बाद में गन्ना पैराई के लिए मिल में आने वाले किसानों को उठाना पड़ता है ।

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