नई दिल्ली: कोविड -19 की दूसरी लहर के दौरान अपने गांवों को वापस चले गए प्रवासी श्रमिक देश के विभिन्न हिस्सों में अनलॉक की संभावना के कारण अपने काम के स्थानों पर लौटने लगे हैं। मोहम्मद सलमान और नसीम उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के मूल निवासी हैं, जिन्होंने लॉकडाउन से पहले महाराष्ट्र के नागपुर में काम किया था। अब वे अपने कार्यस्थल पर वापस लौट रहे हैं। नसीम के मुताबिक उनके पास बचा हुआ पैसा लगभग खत्म हो चुका है और उनके पास काम पर लौटने के अलावा दूसरा विकल्प नही बचा है। वहीं सलमान को अब कोरोना का पहले से कम डर है। ‘एएनआई’ से बात करते हुए, सलमान ने कहा, कोरोना संक्रमण कम हो रहा है, इसलिए हमने काम पर लौटने का फैसला किया है।
जैसा कि दिल्ली सरकार ने 7 जून तक लॉकडाउन को बढ़ा दिया है, श्रमिकों से पूछा गया कि वे उत्तर प्रदेश से दिल्ली में कैसे प्रवेश करेंगे और आगे नागपुर कैसे जाएंगे। जवाब में सलमान ने कहा कि, वे अमरोहा से कौशांबी बस डिपो बस से पहुंचे हैं। यहां पहुंचते ही मैंने यहां के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में अपनी जांच कराई। अब हमें नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से नागपुर जाना है। मेरे पास मेरी ट्रेन का टिकट है और मैं भी सभी कोविड से संबंधित प्रोटोकॉल का पालन कर रहा हूं।
‘एएनआई’ से बात करते हुए, कोशाम्बी बस डिपो के प्रभारी कपिल कुमार वर्मा ने कहा, कौशांबी बस स्टैंड पर पहुंचने वाले यात्रियों की जांच की जाती है और जिनमें कोरोना संक्रमण के लक्षण हैं, उन्हें चिकित्सा उपचार दिया जा रहा है या जिला अस्पताल भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा, यात्रियों को लगातार सलाह दी जाती है कि वे अपनी जांच करवाएं और फिर बस डिपो से बाहर निकलें। बस कंडक्टर शिवशंकर सिंह ने कहा कि, बस में चढ़ने से पहले यात्रियों को सैनिटाइजर दिया जा रहा है। सिंह ने कहा, बस में लोगों के लिए सैनिटाइज़र की व्यवस्था है, लेकिन थर्मल स्कैनिंग नहीं की जा रही है क्योंकि हमारे पास ऐसे उपकरण नहीं हैं जो टेम्प्रेचर को मापते हैं। हालांकि इन सबके बाद भी कई लोग बेफिक्र बिना मास्क के नजर आए।