एथेनॉल क्षमता में वृद्धि से 2022-23 में चीनी मिलों के क्रेडिट प्रोफाइल में होगा सुधार: रिपोर्ट

मुंबई: ICRA की रिपोर्ट के अनुसार, डिस्टिलरी क्षमता में वृद्धि, शुगर इन्वेंट्री की स्थिति में सुधार और उच्च एथेनॉल आपूर्ति से 2022-23 में एकीकृत चीनी मिलों के क्रेडिट प्रोफाइल में काफी सुधार होने की संभावना है। ICRA के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और समूह प्रमुख सब्यसाची मजूमदार ने कहा, एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल-ईबीपी 20 की अनुकूल नीतियों के साथ-साथ तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) द्वारा अपेक्षाकृत आसान खरीद प्रक्रियाओं ने बड़ी चीनी मिलों को अपनी डिस्टिलरी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए उत्साहित किया है। उन्होंने कहा, एथेनॉल आपूर्ति का परिणामी रैंप-अप क्रेडिट प्रोफाइल के लिए अच्छा संकेत देता है। हम चीनी के कम इन्वेंट्री स्तर की उम्मीद के साथ ही उधार और ब्याज लागत को कम होते देख रहे हैं, और जिससे वित्त वर्ष 2023 से इस क्षेत्र के क्रेडिट मेट्रिक्स को मजबूत करेगा।

केंद्र सरकार ने 2023-24 तक पेट्रोल के साथ 20 प्रतिशत एथेनॉल सम्मिश्रण का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा एथेनॉल प्लांट स्थापितं करने के लिए उद्यमियों को खुलकर बढ़ावा दिया जा रहा है।

भारत में एथेनॉल उत्पादन को लेकर अभी काफी चर्चा है और पिछले कुछ वर्षों में इस उद्योग में बहुत अच्छा बदलाव आया है।

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने एक नवीनतम अपडेट में कहा कि एथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2013-14 के दौरान एथेनॉल मिश्रण 1.53 प्रतिशत से बढ़कर चल रहे एथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2020-21 में 7.93 प्रतिशत हो गया है।

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