एथनॉल उत्पादन बढ़ने से चीनी मिलों को किसानों को तेजी से भगुतान करने में मदद मिल रही है

मौजूदा गन्ना पेराई सत्र (2022-23) में एथनॉल उत्पादन billion litre (bl) के लक्ष्य को छू गया है और जिसकी गिनती की जा रही है। वर्तमान में गन्ना क्षेत्र और गन्ना उत्पादन क्रमशः 2.85 मिलियन हेक्टेयर और 235 मिलियन टन होने का अनमुान बताया जा रहा है।

डेली पायनियर में प्रकाशित खबर के मुताबिक, मुख्य सचिव (गन्ना और आबकारी) संजय आर. भूसरेड्डी ने कहा, “एथनॉल उत्पादन बढ़ने से चीनी मिलों को किसानों को तेजी से भगुतान करने में मदद मिल रही है। उन्होंने य़ह भी कहा कि मिलों ने चालू सत्र में अपने गन्ने के बकाये का करीब 75 प्रतिशत तक चुकता कर दिया है। उत्तर प्रदेश देश का सब से बड़ा एथनॉल उत्पादक है। एथनॉल का उपयोग जीवाश्म ईंधन में मिश्रण से लेकर दवा और रासायनि क उद्योगों तक विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है। राज्य में लगभग 85 चालू एथनॉल डिस्टिलरी हैं, जिसकी वार्षिक क्षमता 2.45 billion litre होने का अंदाजा लगाया गया है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यपूी डिस्टिलरीज को पहले ही 1.58 bl एथनॉल के आदेश मिल चकुे हैं, जिसका मतलब है कि मौसमी उत्पादन उसी से मेल खाएगा और संभावित आदेश के आधार पर और बढ़ेगा। राज्य में उत्पादित एथनॉल को राज्य के भीतर और बाहर तेल विपणन कंपनी डिपो में निर्यात किया जाता है, क्योंकि केंद्र ने ईंधन में 10 प्रतिशत मिश्रण अनिवार्य कर दिया है।

उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन एक करोड़ मीट्रिक टन के आकंड़े को पार कर गया है और इस महीने के आखिरी से राज्य के पेराई कार्य समाप्त होने तक 1.10 करोड़ मीट्रिक टन से अधिक होने की उम्मीद बताई जा रही है। इस समय यपूी की कुल 120 चीनी मिलों में से लगभग 49 मिल गन्ने की पेराई कर रही हैं, जो की बाकी सीजन के लिए बदं हो चुकी हैं। कुल 120 मिलों में से, निजी क्षेत्र 93 संयंत्रों के साथ सब से प्राथम है, इसके बाद सहकारी क्षेत्र 24 इकाइयों के साथ और यूपी राज्य चीनी निगम तीन इकाइयों के साथ द्वितीय स्थान पर है।

यूपी में 75 डिस्टिलरी हैं। यूपी देश में एथनॉल का सब से बड़ा उत्पादक है। साथ ही यूपी में 17 नई डिस्टिलरी इकाइयों की स्थापना चल रही है और नई इकाइयों के 2024 के अतं तक चालू होने की उम्मीद है।

इस बीच, यूपी शगुर मिल्स एसोसिएशन ने सिंचाई को बढ़ावा देने के लिए विश्व बकैं के साथ हाथ मिलाया है। विश्व बकैं समर्थित जल संसाधन समहू राज्य के 38 जिलों में गन्ना किसानों के लाभ के लिए एक स्थायी सूक्ष्म सिंचाई मॉडल विकसित करेगा।

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