भारत और ब्राजील में चीनी और इथेनॉल टेक्नोलॉजी की साझेदारी पर हुई बातचीत

नई दिल्ली: भारत और ब्राजील ने चीनी और इथेनाल टेक्नोलॉजी की साझेदारी पर बातचीत की। ब्राजील से आए वहां की कृषि, पशुधन और आपूर्ति मंत्री टेरेजा क्रिस्टीना कोरिया दा कोस्टा डायस के साथ एक प्रतिनिधिमंडल भारत के उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान से मुलाकात की और कई महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा की।

गौरतलब है कि भारत और ब्राजील आज दुनिया के दो सबसे बड़े चीनी उत्पादक देश हैं। ब्राजील में पहले सबसे ज्यादा चीनी का उत्पादन होता था। लेकिन अब यह देश इथेनाल के उत्पादन पर अधिक जोर देने लगा है। ब्राजील का मानना है कि इथेनाल के उत्पादन में चीनी से ज्यादा कर्मशियल वैल्यू है। भारत में भी चीनी मिलों को इथेनाल के उत्पादन पर जोर देने को कहा जा रहा है।

आपको बता दे, 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह के लिए मुख्य अतिथि के रूप में ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सनारो को आमंत्रित किया गया है। और साथ ही इसका विरोध भी किया जा रहा है। 18 से 25 जनवरी के बीच किसानों, विशेषकर गन्ना किसानों और देश भर के किसान संगठनों ने एक सप्ताह के विरोध अभियान की शुरुआत की है। AISFF, AIKS, स्वाभिमानी शेतकरी संगठन और समान विचारधारा वाले संगठन बोल्सनारो की यात्रा के खिलाफ संयुक्त रूप से विरोध कर रहे हैं।

किसान संघठनों ने आरोप लगाया की, विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के समक्ष भारतीय चीनी सब्सिडी पर बोल्सनारो का रुख मजदूरों, किसानों, युवाओं, छात्रों, महिलाओं के प्रति दमनकारी है और जिसने किसानों और संगठनों को परेशान किया। गणतंत्र दिवस के लिए बोल्सनारो को आमंत्रित करने के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली मोदी सरकार के फैसले की निंदा करते हुए, ऑल इंडिया गन्ना किसान महासंघ (AISFF), जो कि ऑल इंडिया किसान सभा (AIKS/ एआईकेएस) से समकक्ष है, और सरकार के नीतियों के खिलाफ अभियान का नेतृत्व कर रहा है।

यह न्यूज़ सुनने के लिए प्ले बटन को दबाये.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here