नई दिल्ली : भारत सरकार ने शुक्रवार (13 अक्टूबर 2023) को घोषणा की कि, उसने उबले चावल पर 20% निर्यात शुल्क को पांच महीने से अधिक बढ़ाने का फैसला किया है, जो अब 31 मार्च 2024 तक प्रभावी है। शुरुआत में 25 अगस्त को 16 अक्टूबर 2023 तक प्रतिबंध लागू किया था। यह निर्यात शुल्क पर्याप्त स्थानीय चावल स्टॉक सुनिश्चित करने और घरेलू कीमतों को नियंत्रित करने के लिए लागू किया गया था। गौरतलब है कि भारत सरकार इन प्रयासों के जरिए गैर-बासमती चावलों की कीमत को कंट्रोल कर सके. भारत से कुल निर्यात होने वाले चावलों में से गैर-बासमती चावल का 25 फीसदी हिस्सा है।
मोदी सरकार पिछले साल से ही खाद्य महंगाई दर को काबू में करने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रही है। इससे पहले सरकार ने फेस्टिव सीजन में चावल के दाम को कंट्रोल करने के लिए गैर-बासमती सफेद चावल के एक्सपोर्ट पर बैन लगाने का फैसला किया था। आपको बता दे की, वहीं पिछले साल सितंबर में टूटे चावल के निर्यात पर भी रोक लगा दी गई थी।इस वित्त वर्ष की अप्रैल से लेकर जून की तिमाही के बीच कुल 15.54 लाख टन गैर-बासमती सफेद चावल का निर्यात किया गया था. वहीं पिछले साल इल दौरान केवल 11.55 लाख टन का ही निर्यात हुआ था।
सितंबर 2023 में खाद्य वस्तुओं की कीमतों में गिरावट के बाद खुदरा महंगाई दर में बड़ी गिरावट आई है और यह कम होकर 5.02 फीसदी पर पहुंच गई है। इससे पहले अगस्त 2023 में यह 6.83 फीसदी थी, वहीं जुलाई 2023 में यह 15 महीने के सबसे उच्च स्तर 7.44 फीसदी पर बनी हुई थी।