नई दिल्ली: उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, भारत में चावल और गेहूं का पर्याप्त भंडार है और कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार जरूरत पड़ने पर खुले बाजार में गेहूं बेचेगी। सुधांशु पांडे ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, हमारे पास चावल और गेहूं का पर्याप्त भंडार है और चिंता की कोई बात नहीं है। स्थानीय कीमतों पर लगाम लगाने के लिए सरकार खुले बाजार में खाद्य सामग्री बेचेगी या नहीं, इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, अगर जरूरत पड़ी तो हम हस्तक्षेप करेंगे। खाद्य मुद्रास्फीति सितंबर में 8.60% बढ़ी, जबकि अगस्त में यह 7.62% थी। अनाज और सब्जियों की कीमतों में वृद्धि के कारण खुदरा खाद्य कीमतों में तेजी आई।
पांडे ने कहा की, सरकार द्वारा शुरू किए गए कदमों से अनाज की कीमतों पर नियंत्रण रखने में मदद मिली है। रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के बाद काला सागर क्षेत्र से आपूर्ति प्रभावित होने के बाद भारत से गेहूं के निर्यात में वृद्धि हुई, जिसके परिणामस्वरूप वैश्विक कीमतों में उछाल आया।