IANS में प्रकाशित खबर के मुताबिक, मारुति सुजुकी लिमिटेड के अध्यक्ष आरसी भार्गव के अनुसार, भारत में इलेक्ट्रिक कारों का कार्बन फुटप्रिंट हाइब्रिड कारों की तुलना में बड़ा होगा, क्योंकि देश में 75 प्रतिशत बिजली कोयले से बनाई जाती है।
उन्होंने All India Management Association (AIMA) द्वारा आयोजित 50वें राष्ट्रीय प्रबंधन सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की।
भार्गव ने कहा कि इलेक्ट्रिक कारें तब तक स्वच्छ नहीं होंगी जब तक भारत को कम से कम 50 प्रतिशत बिजली नवीकरणीय स्रोतों से नहीं मिलती। उन्होंने कहा सीएनजी कारों पर स्विच करना भी एक बेहतर विकल्प है, क्योंकि सीएनजी पेट्रोल की तुलना में एक स्वच्छ ईंधन है।
उन्होंने कहा की शायद भारत को इलेक्ट्रिक कारों के बजाय एथेनॉल, हाइड्रोजन और ईंधन सेल विकल्पों की ओर बढ़ना चाहिए।