भारत वैश्विक खाद्य सुरक्षा को आगे बढ़ाने में उचित भूमिका निभाएगा

न्यूयॉर्क: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के उच्च स्तरीय विशेष कार्यक्रम में प्रथम सचिव स्नेहा दुबे ने वैश्विक खाद्य सुरक्षा संकट पर कहा कि, भारत वैश्विक खाद्य सुरक्षा को आगे बढ़ाने, समानता बनाए रखने, करुणा प्रदर्शित करने और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने में अपनी उचित भूमिका निभाएगा। दुबे ने कहा कि, भारत दुनिया का सबसे बड़ा खाद्य-सुरक्षा कार्यक्रम चला रहा है, जिसने कल्याण से अधिकार-आधारित दृष्टिकोण में एक आदर्श बदलाव देखा है। उन्होंने कहा, सरकार द्वारा 80 करोड़ लोगों को खाद्य सहायता और 40 करोड़ लोगों को नकद हस्तांतरण प्रदान किया गया है। भारत का मध्याह्न भोजन कार्यक्रम स्वस्थ भोजन के प्रावधान को सुनिश्चित करके स्कूली बच्चों में कुपोषण से निपटने के लिए जारी है।

स्नेहा दुबे ने कहा, विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों सहित कमजोर समूहों के लिए एक पोषण अभियान भी शुरू किया गया है। हमारे फार्म-टू-टेबल डिजिटल पहल में किसान पोर्टल, कृषि-सलाहकार सेवाएं, कृषि वस्तुओं का ऑनलाइन नेटवर्क, मूल्य पूर्वानुमान और गुणवत्ता प्रमाणन के लिए ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग शामिल हैं। अफगानिस्तान में बिगड़ती मानवीय स्थिति को देखते हुए भारत अफगानिस्तान के लोगों को 50,000 मीट्रिक टन गेहूं दान कर रहा है। भारत ने म्यांमार के लिए अपना मानवीय समर्थन जारी रखा है, जिसमें 10,000 टन चावल और गेहूं का अनुदान शामिल है। हम इस कठिन समय के दौरान खाद्य सहायता सहित श्रीलंका की भी सहायता कर रहे हैं। भारत ने पिछले तीन महीनों में यमन को 250,000 टन से अधिक गेहूं का निर्यात किया है।उन्होंने यह भी कहा कि भारत वैश्विक खाद्य सुरक्षा के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है और वर्षों से विभिन्न मानवीय संकटों के जवाब में संयुक्त राष्ट्र के केंद्रीय आपातकालीन प्रतिक्रिया कोष (सीईआरएफ) और यूएनओसीएचए में भी योगदान दिया है। उन्होंने कहा, वर्ष 2023 को ‘अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष’ घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव की अगुवाई का उद्देश्य इसी तरह की खाद्य सुरक्षा चुनौतियों का समाधान करना था।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here