चंडीगढ़: पंजाब सरकार के बंद पड़ी चीनी मिलों को पुनर्जीवित करने संबंधी प्रयासों के तहत पटियाला की राखरा चीनी मिल में कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट की स्थापना की जाएगी। इंडियन ऑयल 180 करोड़ रुपए की लागत से इस प्लांट को लगाएगी, जिसके लिए पंजाब सरकार की ओर से सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है।
यहां मार्कफेड भवन में पंजाब के सहकारिता मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा की अध्यक्षता में इंडियन ऑयल के शीर्ष अधिकारियों की एक उच्च-स्तरीय बैठक हुई, जिसमें मंत्री ने यह निर्णय लिया। रंधावा ने शुक्रवार को संपन्न बैठक में बताया कि सहकारिता विभाग ने राज्य की बंद चीनी मिलों को पुनर्जीवित करने और उनका उपयोग करने के लिए एक रणनीति बनाई है, उसी के तहत बायोगैस प्रोजेक्ट को अनुमति दी गई है। बायोगैस प्लांट के लिए सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों से धान का पुआल खरीदा जाएगा, जिससे स्थानीय सहकारी समितियों की आय बढ़ेगी और साथ ही, जमीनी स्तर पर सहकारी आंदोलन में भी मजबूती आएगी।
इंडियन ऑयल के मुख्य महाप्रबंधक शांतनु गुप्ता और उप महाप्रबंधक (वैकल्पिक ऊर्जा) बिजय कुमार ने बताया कि प्रस्तावित बायोगैस प्लांट में प्रति दिन 30 टन गैस और 100 टन प्राकृतिक खाद का उत्पादन किया जाएगा तथा इससे क्षेत्र के धान उगाने वाले किसानों को फायदा होगा, जिनसे प्लांट के लिए भारी मात्रा में पुआल की खरीदी की जाएगी। बायोगैस प्लांट से धान के डंठल जलाने की समस्या से भी निपटने में मदद मिलेगी।
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