एथेनॉल सम्मिश्रण ट्रिलियन डॉलर इन्वेस्टमेंट अवसर: मंत्री हरदीप सिंह पुरी

नई दिल्ली : केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ‘ईटी एनर्जीवर्ल्ड’ के साथ विशेष बातचीत में ऊर्जा क्षेत्र के विकास की योजना और भारत की जैव ईंधन सफलता पर प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने खाद्य सुरक्षा के बारे में चिंताओं को दूर किया, और बताया कि वैश्विक चुनौतियों के बीच भारत अपने तेल आपूर्ति स्रोतों में विविधता कैसे ला रहा है।

उन्होंने कहा, जी20 की अध्यक्षता एक शानदार सफलता थी। भारत ने विभाजित दुनिया में एकीकरणकर्ता के रूप में काम किया। पूरी दुनिया ने G20 की सफलता की प्रशंसा की। इसके अतिरिक्त, भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान, हमने वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन लॉन्च किया, जिसमें अब 19 देश शामिल है।हमने कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे पर भी चर्चा शुरू की।

मंत्री पूरी ने कहा, वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन एक महत्वपूर्ण पहल है। भारत ने जैव ईंधन सम्मिश्रण में 2025 तक 20% तक पहुंचने की योजना बनाई है, और हम इस योजना के मुताबिक तेजी से आगे बढ़ रहे है। यह एक ट्रिलियन-डॉलर के अवसर को दर्शाता है। उद्योग संघ उत्साहित हैं, और जैव ईंधन से संबंधित कंपनियों के शेयर बढ़ रहे हैं।

उन्होंने कहा, कनेक्टिविटी, शिपिंग लाइनों, बंदरगाहों, रेलवे लिंक और माल और लोगों की निर्बाध आवाजाही पर ध्यान केंद्रित करते हुए अगले 15 वर्षों के लिए भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे की योजना बनाई गई है। यह गलियारा ऐतिहासिक व्यापार मार्गों को पुनर्जीवित कर सकता है और सभी क्षेत्रों में आर्थिक विकास को बढ़ावा दे सकता है।

हमने पहले ही एथेनॉल सम्मिश्रण का 10 प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया है, और 20% लक्ष्य तक पहुंचने के लिए हम पहले ही पर्याप्त काम कर चुके है। इस लक्ष्य को पूरा करने की राह पर है। भारत का जैव ईंधन कार्यक्रम अद्वितीय और विविधीकृत है। उन्होंने दावा किया की, जैव ईंधन बनाम खाद्य सुरक्षा के बारे में बहस गुमराह करने वाली है। जैव ईंधन मिश्रण के कारण भारत ने पिछले नौ वर्षों में अपने आयात बिल पर लगभग 73,000 करोड़ रुपये की बचत की है, और किसानों को 76,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। जैव ईंधन मिश्रण को बढ़ाकर, हम लाखों किसानों को लाभान्वित कर रहे हैं और उन्हें न केवल खाद्य उत्पादकों के रूप में बल्कि ऊर्जा उत्पादकों के रूप में भी पहचानते है।

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