मुजफ्फरनगर : उत्तर प्रदेश के गन्ना किसान कम लागत में ज्यादा कमाई के लिए नये नये तौर तरीके अपना रहे है। जिसके चलते लागत कम हो और आय में बढोतरी हो सके।कई किसान ट्रांसप्लांट और बड़चिप विधि से गन्ने की नई प्रजाति की बुआई की है। इस तरीकों से सहफसली खेती के साथ नया बीज रोपित करने से बेहतर उत्पादन किया जा सकता है। उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद द्वारा किसानों को मार्गदर्शन किया जाता है।
गन्ना किसान सहफसली खेती में ज्यादातर चना और अलसी का उत्पादन लेते है। इसमें गन्ने की बुवाई और कटाई तक की लागत निकल जाती है। इस तरह से खेती करने से गन्ना बीज और पानी की खपत करीब 75 फीसदी घट जाती है। पेस्टीसाइड में 50 प्रतिशत कम खर्च आता है। साथ ही सहफसली से हरी खाद खेतों की उर्वरता शक्ति बढ़ाती हैं। इस विधि से गन्ने की पेड़ी भी कई वर्षों तक ले सकते हैं।