ISMA ने flex fuel vehicles पर 5 प्रतिशत GST लगाने का किया आग्रह

नई दिल्ली: इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) ने ऑटोमोबाइल के लिए ईंधन के रूप में पेट्रोल के साथ एथेनॉल के मिश्रण को अपनाने में तेजी लाने के लिए फ्लेक्स फ्यूल का उपयोग करने वाले वाहनों के लिए भी इलेक्ट्रिक वाहनों के समान 5 प्रतिशत की GST दर की मांग की। फ्लेक्स फ्यूल वेहिकल्स (FFVs) विभिन्न स्तरों पर पेट्रोल और एथेनॉल के मिश्रण का उपयोग करते है। भारत ने E10 (पेट्रोल में 10 प्रतिशत एथेनॉल) हासिल कर लिया है और 2025 तक E20 का लक्ष्य रखा है। ISMA ने FFVs पर GST में छूट के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को एक अभ्यावेदन दिया है।

ISMA ने एक बयान में कहा कि, वर्तमान में, FFVs पर 28 प्रतिशत की GST दर लगाई जाती है, जबकि इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) पर GST 5 प्रतिशत है। इसमें कहा गया है कि अगर GST कम हो जाती है तो यह कदम सीधे तौर पर भारत के ईंधन बिल को कम करने में योगदान देगा और साथ ही परिवहन क्षेत्र से कार्बन उत्सर्जन पर भी अंकुश लगाएगा।

ISMA के अध्यक्ष आदित्य झुनझुनवाला ने कहा, वर्तमान में, FFVs पर 28 प्रतिशत की जीएसटी दर लगाई जाती है, जो इलेक्ट्रिक वाहनों पर लागू 5% जीएसटी दर के विपरीत है। हम FFVs के लिए जीएसटी छूट में समानता का अनुरोध करते है। उन्होंने कहा कि, यह पारिस्थितिक महत्व को स्वीकार करेगा और उपभोक्ताओं को असंगत वित्तीय बोझ वहन किए बिना पर्यावरण के प्रति जागरूक विकल्पों को अपनाने के लिए सशक्त बनाएगा।

झुनझुनवाला ने कहा, FFVs के लिए कर कटौती की पेशकश से पर्यावरण-अनुकूल वाहनों को अपनाने को प्रोत्साहन मिल सकता है, जिससे हरित परिवहन विकल्प को बढ़ावा मिलेगा। ISMA ने ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआई) से भी संपर्क किया है, जो गैसोलीन के साथ निर्जल एथेनॉल मिश्रण के विकास की दिशा में काम कर रहा है, और ई-100 हाइड्रस एथेनॉल मिश्रण में निहित अप्रयुक्त क्षमता की गहन खोज का आग्रह किया है।

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