मजदूर अपने घर लौट जाने के कारण गुड़ उत्पादन पर पड़ा असर

मंड्या :COVID-19 के कारण लॉकडाउन लागु करने के बाद से मंड्या जिले में गुड़ उत्पादन लगभग 30% तक कम हो गया है। कुशल मजदूर अपने मूल स्थानों पर लौट जाने से गुड़ बनाने वाली इकाइयों के उत्पादन गतिविधियों को रोक दिया है। लॉकडाउन की घोषणा के बाद से 539 पंजीकृत गुड़ बनाने वाली इकाइयां का लगभग 30% उत्पादन पूरी तरह से बंद हो गया है। अधिकांश कुशल मजदूर उत्तर प्रदेश, बिहार और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों और उत्तर कर्नाटक क्षेत्र से थे। पांडवपुरा के चिक्कमाराली के पास एक गुड़ इकाई के मालिक ने कहा कि, उनमें से अधिकांश अपने गाँव लौट गये है।

मांड्या के कृषि उत्पादन बाजार समिति (एपीएमसी) सचिव वाई. नानजुंदस्वामी ने कहा कि, 2019 में 25 मार्च से 10 मई के बीच गुड़ की आवक 83,000 क्विंटल के आसपास रही। इस साल इसी अवधि के दौरान उत्पादन घटने के बाद यही आवक 58,000 क्विंटल रह गई। उन्होंने कहा की, आने वाले दिनों में स्थिति सामान्य हो जाएगी।

गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और मध्य प्रदेश के व्यापारी मंड्या गुड़ के प्रमुख खरीदार हैं। अधिकांश कुशल मजदूर उत्तर प्रदेश, बिहार और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों और उत्तर कर्नाटक क्षेत्र से थे। एक गुड़ इकाई के मालिक ने कहा की, हम गन्ने की सफाई, कटाई और पेराई और उत्पादन को बढ़ाने जैसे कामों के लिए स्थानीय लोगों को काम पर रख सकते हैं। लेकिन, हम गन्ने के रस को उबालने और गुड़ को आकार देने के लिए अकुशल श्रमिकों को काम पर नहीं रख सकते।

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