नई दिल्ली : K.N. Group एक नए अधिग्रहित प्लांट में एथेनॉल उत्पादन क्षमता बढ़ाने और जैव ईंधन की बढ़ती घरेलू मांग को भुनाने की योजना बना रहा है। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक है, जो अपनी 80% से अधिक मांग को पूरा करने के लिए विदेशी आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भर है। पिछले साल के अंत में, भारत ने अपने पिछले लक्ष्य से पांच साल पहले 2025 तक फ्यूल के साथ 20% एथेनॉल-मिश्रण प्राप्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। 20% एथेनॉल सम्मिश्रण के साथ, भारत अपने कच्चे तेल के आयात के लिए विदेशी मुद्रा में प्रति वर्ष 300 बिलियन रुपये (4.01 बिलियन डॉलर) की बचत कर सकता है।
रॉयटर्स में प्रकाशित खबर के मुताबिक, मुंबई स्थित K.N. Group के प्रबंध निदेशक विजय श्रीश्रीमल ने कहा की, कच्चे तेल और अन्य ऊर्जा संसाधनों पर भारत की निर्भरता को कम करने में मदद करने के लिए हमारे पास एथेनॉल क्षेत्र के लिए महत्वाकांक्षी योजनाएं हैं। श्रीश्रीमल ने कहा कि, कंपनी पहले से ही मोलासेस की भारत की नंबर 1 निर्यातक है, और अभी-अभी 100,000 लीटर प्रतिदिन का एथेनॉल प्लांट खरीदा है। उन्होंने कहा, जिस प्लांट का हमने अभी अधिग्रहण किया है, हम उसकी एथेनॉल उत्पादन क्षमता को 100,000 लीटर से बढ़ाकर 160,000 लीटर प्रतिदिन करने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने कहा, वर्तमान में, हम केवल मोलासेस से एथेनॉल का उत्पादन कर सकते हैं, लेकिन हमारे पास जल्द ही गन्ने के रस से एथेनॉल का उत्पादन करने की सुविधा होगी।