कर्नाटक: गन्ने का खरीद मूल्य तय करने में देरी के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन

मैसूर: गन्ना की खरीद मूल्य तय करने में देरी और उनकी अन्य समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर गुस्साए किसानों ने मैसूर तालुका कार्यालय में आयोजित एक विरोध प्रदर्शन में जिला और तालुक प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। इस विरोध प्रदर्शन का आयोजन राज्य किसान संघ संघ और राज्य गन्ना उत्पादक संघ ने संयुक्त रूप से किया था। इस अवसर पर बोलते हुए तालुक गन्ना उत्पादक संघ के महासचिव बरदानपुरा नागराज ने कहा कि, गन्ने की खरीद मूल्य तय करने में देरी करने की रणनीति अपनाई जा रही है। किसानों को पिछले साल की तुलना में 350 रुपये प्रति टन कम राशि देकर उनका शोषण किया जा रहा है। गन्ना काटने की लागत और परिवहन शुल्क में वृद्धि के बहाने किसानों को लुटा जा रहा है।

नागराज ने कहा कि, बैंकर उन किसानों को परेशान कर रहे हैं जो पहले से ही उन्हें नोटिस देकर और अदालत में उनके खिलाफ मामले दर्ज करके प्रभावित कर रहे हैं। उर्वरकों की कमी की बड़ी समस्या किसानों के सामने खड़ी है। उन्होंने कहा कि, ‘एक जिला, एक मूल्य’ नीति लागू होने के बाद किसानों को फसल बीमा के तहत मुआवजा नहीं मिल रहा है। उन्होंने मांग की कि किसानों द्वारा उपयोग किए जाने वाले उर्वरक, कीटनाशकों और सिंचाई उपकरणों पर जीएसटी को वापस लिया जाए। नागराज ने केंद्र सरकार से सभी कृषि उत्पादों के लिए निश्चित न्यूनतम मूल्य की घोषणा करने और मौजूदा न्यूनतम बिक्री मूल्य समिति को खत्म करने का आग्रह किया।उन्होंने एक सप्ताह के भीतर उनकी समस्याओं के समाधान के लिए कदम नहीं उठाने पर सभी तालुका में आंदोलन और सड़क जाम करने की चेतावनी दी।

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