मैसूर: कर्नाटक राज्य गन्ना कृषक संघ (Karnataka State Sugarcane Cultivators Association) के किसानों ने गन्ने के लिए उच्च गन्ना मूल्य (FRP) की अपनी मांग दोहराई। 11 जनवरी को एक बैठक में कृषि समुदाय को परेशान करने वाले प्रमुख मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया। इस बैठक में गन्ने के लिए एफआरपी को ₹3,150 प्रति टन से बढ़ाकर ₹4,000 प्रति टन करने की मांग की गई। किसानों ने कहा कि, वर्तमान FRP खेती की लागत से काफी कम है।एसोसिएशन के अध्यक्ष कुरबुर शांताकुमार ने कहा, किसानों के सामने आ रहे संकट को देखते हुए सरकार को सभी कृषि ऋण माफ करने की घोषणा करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि, संयुक्त किसान मोर्चा के तहत दिल्ली में एक मेगा रैली आयोजित की जाएगी और देश के विभिन्न हिस्सों से किसान 13 जनवरी को होने वाली महापंचायत के लिए जुटेंगे। उन्होंने कहा कि, किसानों के मुद्दों और मांगों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में 14 किसान सम्मेलन आयोजित किए गए हैं और मांगों पर जोर देने के लिए देश की राजधानी में एक रैली आयोजित की जाएगी।
शांताकुमार ने कहा कि, अन्य मांगों में किसानों के सामूहिक हितों की रक्षा के लिए डब्ल्यूटीओ शासन से वापसी शामिल है। 60 वर्ष से अधिक आयु के सभी किसानों के लिए पेंशन, फसल बीमा पॉलिसी में सुधार की भी मांग की गई है। एसोसिएशन के सदस्यों ने कहा कि, एक निजी चीनी मिल किसानों के बकाए पर फर्जी आंकड़ों से सरकार को गुमराह कर रही है। एसोसिएशन के सदस्यों के अनुसार, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को तथ्यों का पता लगाने के लिए तुरंत ऑडिट का आदेश देना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसानों को उनका हक मिले। किसानों ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने में कृषि पर डॉ. स्वामीनाथन समिति की रिपोर्ट को लागू करने की भी मांग की ताकि किसानों को लाभ हो सके।