कर्नाटक: राज्य सरकार ने मैसूर चीनी मिल के निजीकरण के कदम पर रोक लगाई….

बेंगलुरू: मांड्या और आसपास के क्षेत्रों के हजारों गन्ना किसानों को राहत देते हुए, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सोमवार को ऐलान किया कि, राज्य सरकार घाटे में चल रही मैसूर शुगर कंपनी लिमिटेड (Mysugar) के निजीकरण के पहले के कैबिनेट के फैसले को रद्द कर देगी। बोम्मई ने सोमवार को यहां मांड्या के किसानों और निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ मैराथन बैठक की अध्यक्षता करने के बाद यह घोषणा की। उन्होंने ऐलान किया की, अगले सीजन से मिल में गन्ने की पेराई शुरू करेंगे। बोम्मई ने संवाददाताओं से कहा, मिल के मशीनरी की मरम्मत सहित सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। आपको बता दे की, राज्य के स्वामित्व वाली चीनी मिल के निजीकरण के फैसले की किसानों और विपक्षी जेडीएस और कांग्रेस ने कड़ी आलोचना की थी। चार साल पहले बंद हुई फैक्ट्री को फिर से चालू करने की मांग को लेकर किसान कई महीनों से अनिश्चितकालीन धरना दे रहे हैं।

मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा कि, मशीनरी की स्थिति और अन्य तकनीकी पहलुओं का अध्ययन करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया जाएगा, और मिल को फिर से शुरू करने के लिए आवश्यक वित्त और किसानों से गन्ना खरीदने के लिए आवश्यक कार्यशील पूंजी पर बैंकरों के साथ चर्चा की जाएगी। बोम्मई ने कहा, मिल को वित्तीय रूप से व्यवहार्य बनाने के लिए, शीरा, को-जनरेशन, और एथेनॉल उत्पादन पर ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि, औद्योगिक पृष्ठभूमि वाले एक कुशल प्रबंध निदेशक की नियुक्ति की जाएगी और महालेखाकार, कर्नाटक से सहायता लेकर एक लेखाकार भी नियुक्त किया जाएगा। मिल शुरू करने के लिए गठित समिति की रिपोर्ट के आधार पर, कैबिनेट मिल को पूर्ण रूप से चालू करने पर अंतिम फैसला करेगा। बैठक में चीनी मंत्री शंकर पाटिल मुनेनकोप्पा, मंत्री केसी नारायण गौड़ा, एसटी सोमशेखर, और जेसी मधुस्वामी, मांड्या की सांसद सुमालता अंबरीश, विधायक सीएस पुट्टाराजू और रवींद्र श्रीकानाटिया, मुख्य सचिव पी रविकुमार और वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आईएसएन प्रसाद मौजूद थे।

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