केरला : मरयूर गुड़ को मिलेगी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान

कोट्टायम : गहरे भूरे रंग और आयरन से भरपूर, इडुक्की जिले के मरयूर में बनाया गया गुड़ अपनी बेहतरीन गुणवत्ता, स्वाद और विशिष्ट भौगोलिक पहचान के लिए जाना जाता है। लेकिन उत्पादन की बढ़ती लागत और कड़ी प्रतिस्पर्धा ने इसके उत्पादन में लगे सूक्ष्म उद्यमों के सामने चुनोती खड़ी की है। इस पृष्ठभूमि के चलते छात्रों के एक समूह ने वहां के गन्ना किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश शुरू की है। छात्रों ने उन्हें सिखाया है कि कैसे अपने उत्पाद को विदेशी बाजार के मानकों से मेल खाना है और उन्हें निर्यात के लिए तैयार करना है।

अमलज्योति इंजीनियरिंग कॉलेज (कांजीरापल्ली) के छात्रों ने किसानों और गुड़ उत्पादकों को करीब लाने, प्रशिक्षण प्रदान करने और उत्पाद को अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचने में मदद करने का प्रयास शुरू किया है। यह परियोजना केरल द्वारा ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन आइडिया इनिशिएटिव’ के तहत शुरू की जा रही है। परियोजना के प्रमुख समन्वयक शेरिन सैम जोस के अनुसार, यह प्रक्रिया विकास, उत्पाद विकास और डिजिटल मार्केटिंग के तीन पहलुओं को कवर करेगा।

किसानों और गुड़ उत्पादकों के साथ बातचीत के माध्यम से परियोजना की रूपरेखा तैयार की जाएगी और विशेषज्ञों की एक समिति द्वारा रिपोर्ट की विस्तृत समीक्षा के बाद एक कार्य योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा।अब तक 115 इनोवेशन क्लस्टर्स की पहचान की है जिन्हें एक जिले की पहचान के रूप में पेश किया जा सकता है और शैक्षणिक साझेदारी के लिए 63 संस्थानों को शॉर्टलिस्ट किया है। एजेंसी इनोवेशन कंपोनेंट के लिए सीड मनी भी उपलब्ध कराना चाहती है और इस उद्देश्य के लिए ₹3.97 करोड़ के परिव्यय को मंजूरी दी है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here