पलक्कड़: केरल में हर नवरात्रि सीजन में आमतौर पर गन्ने की काफी मांग होती है, लेकिन इस बार, COVID -19 संकट ने केरल में गन्ने की बिक्री को प्रभावित किया। महामारी के चलते मंदिरों में हर साल की तरह उत्सव नही मनाया गया, जिसका सीधा असर गन्ना किसानों और विक्रेताओं पर हुआ। पिछले साल नवरात्रि के दौरान लगभग 30 लोड गन्ना मंदिरों में ले जाया गया था। लेकिन इस साल, केवल 4 से 5 लोड गन्ना ही मंदिरों में ले जाया गया। पलक्कड़ में कुलपल्ली, चलवारा और वनियामकुलम क्षेत्रों में गन्ने की बिक्री काफी प्रभावित हुई।
गन्ना विक्रेताओं के अनुसार, महानवमी के दौरान गन्ने की अच्छी बिक्री होती थी। गन्ना बड़े पैमाने पर कार्यालयों और घरों में वाहनों और पूजा समारोह के सामने रखने के लिए खरीदा जाता है। गन्ने को सलेम से केरल लाया जाता है। थोक विक्रेता 20 का बंडल बेचते हैं, उसकी कीमत 500 रुपये से 600 रुपये होती है। एक गन्ने की कीमत 40 से 60 रुपये है। कोरोना वायरस के कारण गन्ना बाजार पूरी तरह से बिखर गया है। लगातार बारिश भी बिक्री के लिए खतरा बनी है।
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