नई दिल्ली: एथेनॉल समिश्रण निति को लेकर केंद्र सरकार कई अहम कदम उठा रही है, और इस निति को सफलता भी मिल रही है। लेकिन अब तेल विपणन कंपनियां (ओएमसी) और चीनी मिलों के बीच एथेनॉल सप्लाई और डिमांड को लेकर टकराव होता दिख रहा है।
न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) ने दावा किया की, तेल विपणन कंपनियां (OMCs) अनाज आधारित एथेनॉल परियोजनाओं को बढ़ावा देते हुए गन्ने के साथ-साथ मोलासेस से उत्पादित एथेनॉल को हतोत्साहित कर रही हैं। ISMA ने इस मुद्दे पर तत्काल सुधारात्मक उपाय किए जाने की मांग की, ताकि एथेनॉल सम्मिश्रण कार्यक्रम को ब्रेक न लगे। ISMA के अध्यक्ष नीरज शिरगांवकर ने 87वीं वार्षिक आम बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि, इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा है।
उन्होंने कहा, चीनी उद्योग में हम ओएमसी द्वारा हाल ही में लिए गए कुछ फैसलों से असंतुष्ट हैं, जिसमें वे गन्ने और मोलासेस से उत्पादित एथेनॉल को हतोत्साहित कर रहे हैं, साथ ही साथ एथेनॉल उत्पादन क्षमता में निवेश को भी हतोत्साहित कर रहे हैं। शिरगांवकर ने कहा कि, ISMA ने प्रधानमंत्री के साथ-साथ मंत्रियों और सरकार के सचिवों को लिखा है कि, 27 अगस्त, 2021 को OMCs द्वारा जारी ईओआई (expression of interest) चीनी उद्योग के लिए अत्यधिक निराशाजनक है।
आपको बता दे, देश में एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई कदम उठाये है। सरकार ने एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) प्रोग्राम के तहत मिश्रण के लिए एथेनॉल पर जीएसटी दर को 18% से घटाकर 5% कर दिया है। हालही में सरकार ने गन्ना आधारित एथेनॉल की कीमत 62.65 रुपये से बढ़ाकर 63.45 रुपये प्रति लीटर कर दी है। सी-हैवी मोलासेस से इथेनॉल की दर वर्तमान में 45.69 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 46.66 रुपये प्रति लीटर कर दी गई है, और बी-हैवी मोलासेस से इथेनॉल की दर 57.61 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 59.08 रुपये प्रति लीटर कर दी गई है।