कोल्हापुर: चीनी मिलों द्वारा 400 रुपये की अतिरिक्त किस्त देने से साफ इनकार, बैठक बेनतीजा रही

कोल्हापुर: स्वाभिमानी शेतकरी संगठन द्वारा पिछले सीजन के गन्ने की 400 रुपये की अतिरिक्त किस्त पाने के लिए विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। इसका रास्ता निकालने के लिए गुरुवार को जिला प्रशासन द्वारा आयोजित बैठक बेनतीजा रही। बैठक में चीनी मिलों के प्रतिनिधियों ने गन्ना उत्पादकों को 400 रुपये का भुगतान करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि, वे राजस्व हिस्सेदारी फॉर्मूला (RSF) के अनुसार पैसा देंगे।

जिला कलेक्टर राहुल रेखावार, स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के संस्थापक अध्यक्ष और पूर्व सांसद राजू शेट्टी, क्षेत्रीय चीनी संयुक्त निदेशक अशोक गाडे, उप निदेशक जी. जी. मावळे, शुगर फैक्ट्रीज़ के अध्यक्ष, कार्यकारी निदेशक उपस्थित थे। जिले के कई चेयरमैनों के बैठक से मुंह मोड़ लेने से यह प्रतीत हो रहा है कि चीनी मिलर्स दूसरी किस्त का भुगतान नहीं करने की स्थिति में है।

पूर्व सांसद राजू शेट्टी ने कहा कि, कृषि मूल्यांकन आयोग द्वारा एफआरपी में बढ़ोतरी गलत तरीके से की है और इससे किसानों को नुकसान हो रहा है। उन्होंने चेतावनी दी की, अगर किसानों का पैसा नहीं मिला, तो बड़ा संघर्ष शुरू हो जाएगा।

शेट्टी ने कहा, अब तक राज्य की 8 चीनी मिलों ने किसानों को एफआरपी से ज्यादा भुगतान किया है। शेट्टी ने आरोप लगाया कि, कोल्हापुर जिले की चीनी मिलें गन्ना मूल्य नियंत्रण की स्वीकृति में तकनीकी कठिनाइयों का हवाला देते हुए दूसरी किस्त का भुगतान करने में आनाकानी कर रही है। शेट्टी ने चेतावनी दी कि, अगर किसानों को बिना संघर्ष के कुछ नहीं मिला तो वे आंदोलन तेज कर देंगे और चीनी का एक दाना भी मिल से बहर नहीं जाने देंगे।

शेट्टी ने कहा, एफआरपी चुकाने के बाद भी मिलों के पास पैसा बचा हुआ है। अब किसान भारी आर्थिक संकट में है। इसके चलते 400 रुपये की दूसरी किस्त की मांग की गई है। इस मांग को लेकर मार्च निकाला गया, आवेदन दिया गया, लेकिन मिलर्स कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। इसलिए मजबूरन मिल से चीनी को बाहर जाने से रोकना पड़ रहा है। अब तक हम कानून का सम्मान करते हुए शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करते रहे है। उन्होंने यह भी कहा कि, अगर चीनी मिलें भुगतान नहीं करेंगे तो हमे कानून हाथ में लेना पड़ेगा।

इस अवसर पर जिले के चीनी मिल के अध्यक्ष, कार्यकारी निदेशक, ‘स्वाभिमानी’ के प्रदेश अध्यक्ष प्रो. डॉ. जालंदर पाटिल, सावकर मादनाईक, जनार्दन पाटिल, वैभव कांबले, अजित पोवार, सागर शंभूशेटे, विक्रम पाटिल, राम शिंदे, शैलेश आडके सहित विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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