महाराजगंज: इंडियन पोटाश लिमिटेड चीनी मिल के सिसवा इकाई में तकनीकी खराबी के चलते मिल प्रबंधन के इस सीजन में मिल बंद करने की घोषणा के बाद किसान परेशान हो गए। यार्ड में 25 हजार क्विंटल तो खेतों में अभी पांच लाख क्विंटल गन्ना पड़ा है। इससे किसानों को कहना है की उन्हें नुकसान हो रहा है।
अमर उजाला में प्रकाशित खबर के अनुसार, सिसवा आईपीएल चीनी के बंद होने के घोषणा के बाद मिल परिसर में मौजूद सिसवा कस्बे के निवासी जितेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि चीनी मिल 28 मार्च से बंद है। मिल प्रबंधन ने मंगलवार से मिल में पेराई शुरू होने का आश्वासन दिया था।
क्षेत्र के मधवालिया निवासी दीपक चौधरी ने कहा कि किसानों के दर्द को कोई नहीं महसूस कर रहा है। एक सप्ताह से किसान अपने फसल को लेकर मिल परिसर में पड़ा है, जिससे गन्ना सूख रहे हैं। डीसीओ ने सिसवा यार्ड के 25 हजार क्विंटल गन्ना प्रतिदिन तीन हजार क्विंटल गन्ना खड्डा भेजने को कहा था। इस तरह सिर्फ यार्ड का ही गन्ना भेजने में एक सप्ताह से ज्यादा लग जाएगा तो खेतों में खड़े पांच लाख क्विंटल गन्ना की पेराई कब होगी। जिला गन्ना अधिकारी ओमप्रकाश सिंह ने कहा, गन्ने के डाइवर्जन के लिए संबंधित अधिकारियों से वार्ता चल रही हैं समस्या का समाधान निकाल लिया जाएगा। किसानों के हितों की अनदेखी नहीं होगी। सभी गन्ना दूसरे मीलों को भेजी जाएगी।