महाराष्ट्र: आंदोलनकारियों ने मिल में गन्ना ले जा रहे वाहनों को लगा दी आग

कोल्हापुर / सांगली / पुणे : गन्ना किसानों ने मांग की गई राशि का भुगतान नहीं करने पर दक्षिण महाराष्ट्र में चीनी मिलों को गन्ने की आपूर्ति नहीं करने का फैसला किया।गन्ना मूल्य को लेकर स्वाभिमानी शेतकरी संघटना, शेतकरी संघटना, आंदोलन अंकुश और रयत क्रांति संघटन ने चीनी मिलों के खिलाफ आक्रामक रवैया अपनाया है। आंदोलनकारी किसान संगठनों ने शुक्रवार तड़के महाराष्ट्र के बेलगावी तालुका में एक चीनी मिल में गन्ना ले जा रहे एक ट्रैक्टर को आग लगा दी।सांगली और कोल्हापुर जिले में भी गन्ने से लदे कई वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया है। बेलगावी पुलिस के अनुसार, शुक्रवार देर रात करीब 1 बजे कुछ लोगों ने महाराष्ट्र की एक चीनी मिल में गन्ना ले जा रहे एक ट्रैक्टर में आग लगा दी और घटनास्थल से भाग गए।

महाराष्ट्र के चंदगड तालुका का एक गन्ना उत्पादक डबल-ट्रॉली ट्रैक्टर में गन्ने को कर्नाटक के रास्ते चंदगड तालुका की एक चीनी मिल में ले जा रहा था। बेलगावी तालुका के बोडाक्यानत्ती गांव के पास चंदगड क्षेत्र के लगभग 12 किसानों के एक समूह ने वाहन को रोका, ट्रॉलियों से लदा गन्ना उतार दिया और इंजन में पेट्रोल डालकर आग लगा दी। इस मामले में चीनी फैक्ट्री और ट्रैकर मालिक द्वारा काकती पुलिस में दो अलग-अलग शिकायतें दर्ज की गई हैं। काकती सब इंस्पेक्टर हुलकुंट ने कहा, हमने शिकायतें दर्ज कर ली हैं, जांच के बाद एफआईआर तय की जाएगी।

स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के अध्यक्ष राजू शेट्टी ने कहा कि, उनकी पार्टी के कार्यकर्ता रविवार (19 नवंबर) को चक्का जाम (सड़क अवरूद्ध) आंदोलन के दौरान कोल्हापुर जिले से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों को नहीं छोड़ेंगे। पुणे-बेंगलुरु राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-48) और नागपुर-रत्नागिरी NH-166 का हिस्सा जिले से होकर गुजरता है। शेट्टी द्वारा बुलाए गए आंदोलन के तहत राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ-साथ, कोल्हापुर को आसपास के जिलों और कोंकण जैसे क्षेत्र से जोड़ने वाले कई राज्य राजमार्गों पर भी चक्का जाम किया जाएगा।

शेट्टी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, वह चीनी मिलों को मांगें मानने के लिए मजबूर करेंगे।शेट्टी ने कहा, संरक्षक मंत्री और चीनी मिल मालिकों के साथ बैठक बिना किसी निष्कर्ष के समाप्त होने के बाद हमने चक्का जाम करने का फैसला किया है।शेट्टी ने पिछले सीजन में चीनी मिलों को हुए मुनाफे से 400 रुपये प्रति टन की मांग की है।साथ ही, उन्होंने मौजूदा पेराई सत्र के दौरान आपूर्ति किए जाने वाले गन्ने के लिए 3,500 रुपये प्रति टन की मांग की है।

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