महाराष्ट्र: गन्ना कटाई दर में हुई वृद्धि

कोल्हापुर: गन्ना श्रमिकों द्वारा राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी के बाद हुई छठी बैठक में गन्ना कटाई मजदूरी में 34 फीसदी और गन्ना श्रमिकों के कमीशन में एक फीसदी की बढ़ोतरी करने का फैसला किया गया। इस फैसले के मुताबिक, गन्ना श्रमिकों की मजदूरी 274 रुपये से बढ़कर 367 रुपये प्रति टन हो जाएगी, जबकि ठेकेदारों को कमीशन एक प्रतिशत बढ़कर मिलेगा। चीनी आयुक्तालय में गन्ना श्रमिकों और मिलों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में हुई बैठक में पंकजा मुंडे और शरद पवार ने अगले तीन पेराई सत्रों के लिए यह फैसला लिया गया।

बैठक में राष्ट्रीय सहकारी चीनी मिल महासंघ के अध्यक्ष जयप्रकाश दांडेगांवकर, विधायक जयंत पाटिल, पूर्व मंत्री हर्षवर्धन पाटिल, विधायक सुरेश धस आदि उपस्थित थे। इस संबंध में दांडेगांवकर ने कहा, गन्ना श्रमिकों ने गन्ना काटने की दर में 40 फीसदी बढ़ोतरी की मांग की थी, जबकि चीनी मिलर्स 29 फीसदी पर अड़े थे। आख़िरकार 34 प्रतिशत मूल्य वृद्धि करने का फैसला लिया गया। इससे अब गन्ना श्रमिकों की मजदूरी प्रति टन 274 रुपये से बढ़कर 367 रुपये हो जाएगी। वहीं ठेकेदारों को कमीशन 1 फीसदी बढ़ा हुआ मिलेगा। पहले ठेकेदारों का कमीशन 19 फीसदी था, अब उन्हें 20 फीसदी मिलेगा। यह मूल्य वृद्धि अगले तीन पेराई सीजन के लिए होगी।

महाराष्ट्र गन्ना कटाई एवं परिवहन श्रमिक संघ के महासचिव, प्रो. डॉ. सुभाष जाधव ने कहा कि, शरद पवार की मौजूदगी में हुई इस बैठक में गन्ना श्रमिकों के मजदूरी में संतोषजनक बढ़ोतरी हुई है, और इसलिए आंदोलन वापस लिया गया है। गन्ना श्रमिकों की शेष मांगों को पूरा करने के लिए लगातार फॉलोअप लिया जायेगा। इस बीच, पंकजा मुंडे ने कहा कि गोपीनाथ मुंडे गन्ना श्रमिक निगम का काम अपेक्षित गति से आगे नहीं बढ़ रहा है।मैं इसे लेकर संतुष्ट नहीं हूं।

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